राजनैतिक मुद्दे

बिहार ने जातिवादी राजनीति का खेल खेलने वालों की कब्र खोदी, मगर वाम आतंकियों का मजबूत होना चिंताजनक

आखिर अस्सी-नब्बे के दशक में जो लोगों को अपने उपनाम छुपाने पड़े थे, वो किसे याद नहीं? एक कथित सेक्युलर चैनल के ईनामी पत्रकार भी तो अपना नाम 'कुमार' तक…

देश के ‘Wheat Belt’ का फरमान: मोदी के कृषि कानूनों से खुश हैं किसान, व्यर्थ गया ट्रैक्टर पर सोफे लगा अराजकता फैलाना

मध्य प्रदेश में किसानों के बीच कृषि कानूनों को लेकर फैलाए जा रहे दुष्प्रचार से भाजपा ने कैसे निपटी? वो मुद्दा, जिसने कॉन्ग्रेस से किसानों का विश्वास छीन लिया।

भारत के PM की तुलना ‘हिटलर’ से प्रशंसा योग्य लेकिन सीएम के बेटे को ‘पेंगुइन’ कहने की सजा जेल: ये है 2020 का भारत

वहीं जब किसी ने सिर्फ मजाकिया तौर पर एक राज्य के मुख्यमंत्री का मीम्म बनाया, तो उसे गैर-जमानती आरोपों के साथ धर लिया गया। ‘हिटलर’ ने क्या किया?

कभी शाम होते घरों में बंद कर दी जाती थीं बिहार की महिलाएँ, आज हैं चुनावी बहस का हिस्सा: लालू से नीतीश तक के सफर में कुछ तो बदला है

एक 'जातउद्घोषक' सरकार में एक जाति विशेष की महिलाओं के चुन-चुन कर बलात्कार किए जाने की बात हो या बाहुबलियों की अतिशयोक्ति, बिहार की ललनाओं की परीक्षा सदियों तक चली।

जो बिहार में सब जानते हैं वह नीतीश कुमार ने खुद क्यों कहा, PM मोदी ने उन्हें ‘जरूरत’ क्यों बताया?

यह महज संयोग नहीं, प्रयोग है। इसका असर हुआ तो एनडीए उस स्थिति में पहुँच सकती है, जिसका अनुमान कोई नहीं लगा रहा।

आखिर कैसे लिबरल्स के ‘पोस्टर बॉय’ बन गए तेजस्वी यादव? किस आधार पर माँग रहे हैं वोट?

भारतीय 'लिबरलिज़्म' का एक नया उभरता चेहरा हैं बिहार के राजद नेता तेजस्वी यादव। उनके वोट माँगने का आधार है क्या? क्या हैं तेजस्वी के कीर्तिमान?

लालू का MLA, दलित लड़की से रेप… लेकिन ‘बाबू साहब के सामने सीना तानकर चलते थे’ के नाम पर वोट!

जब तक ये फैसला आया तब तक अपराधियों में से एक मर चुका था, लेकिन पच्चीस साल बीतने पर भी एक दूसरा अपराधी फरार ही...

जनसंघ: ‘राष्ट्रवाद’ को आवाज देने वाला पहला राजनीतिक दल, जिसके कार्यकर्ता सीमा से सियासत तक डटे रहे

1962 में चीन और 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में जनसंघ और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने सिविक और पुलिस ड्यूटी का किरदार निभाया था।

बिहार में ई बा: कुछ लोगों के निजी स्वार्थ और धंधे पर चोट है मैथिली ठाकुर का गाना

दहेज़ के बारे में सोचा है? एक तो इसमें ‘ज’ के नीचे जो बिंदी होती है, वो देवनागरी लिपी में होती ही नहीं। यानी, ये देशज नहीं, विदेशज शब्द है।…

मैथिली ठाकुर के गाने से समस्या तो होनी ही थी.. बिहार का नाम हो, ये हमसे कैसे बर्दाश्त होगा?

मैथिली ठाकुर के गाने पर विवाद तो होना ही था। लेकिन यही विवाद तब नहीं छिड़ा जब जनकवियों के लिखे गीतों को यूट्यूब पर रिलीज करने पर लोग उसके खिलाफ…