जनसंघ: ‘राष्ट्रवाद’ को आवाज देने वाला पहला राजनीतिक दल, जिसके कार्यकर्ता सीमा से सियासत तक डटे रहे
1962 में चीन और 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में जनसंघ और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने सिविक और पुलिस ड्यूटी का किरदार निभाया था।
1962 में चीन और 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में जनसंघ और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने सिविक और पुलिस ड्यूटी का किरदार निभाया था।
दहेज़ के बारे में सोचा है? एक तो इसमें ‘ज’ के नीचे जो बिंदी होती है, वो देवनागरी लिपी में होती ही नहीं। यानी, ये देशज नहीं, विदेशज शब्द है।…
मैथिली ठाकुर के गाने पर विवाद तो होना ही था। लेकिन यही विवाद तब नहीं छिड़ा जब जनकवियों के लिखे गीतों को यूट्यूब पर रिलीज करने पर लोग उसके खिलाफ…
“इस्लाम में राष्ट्रवाद का कोई चिंतन नहीं है। इस्लाम में राष्ट्रवाद की अवधारणा ही नहीं है। वह राष्ट्रवाद को तोड़ने वाला मजहब है।” - आंबेडकर...
हिन्दू बच्चियों से 'लव' और 'रेप जिहाद', 70+ हिन्दुओं की मजहबी भीड़ द्वारा लिंचिंग... ये 'bleed Hindus with thousand cuts' की नीति है।
यूपी-बिहार ही नहीं, पूरे देश में कई ऐसे बड़े नेता हैं, जो आज राजनीति के इस मुकाम पर इसीलिए हैं क्योंकि उन पर कभी जयप्रकाश नारायण का हाथ था। लेकिन,…
'भाजपा तुझसे बैर नहीं पर नीतीश तेरी खैर नहीं' की तर्ज पर चिराग पासवान की एलजेपी मैदान में है। देखना दिलचस्प होगा कि चुनावी ऊंट चिराग की करवट बैठता है…
पासवान समाजवादी परिपाटी के नेता थे। उनकी शुरुआती राजनीति संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से ही आरम्भ हुई थी। परन्तु उनका नाम हाजीपुर के साथ अभिन्न रूप से जुड़ गया। वे आठ…
योगी वो राजनेता बने हुए हैं, जिनसे मीडिया नफरत करना पसंद करती है। पहले लाल कृष्ण आडवाणी, फिर नरेंद्र मोदी और अब मीडिया ने योगी आदित्यनाथ को अपना पसंदीदा लक्ष्य…
नागालैंड के निवासियों का भारतीय लोकतंत्र में गहरा विश्वास है। यही कारण है कि 2014 के आम चुनावों में इस राज्य का मत प्रतिशत 87.82% था, जो...