देश में कोविड-19 महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन संकट के लिए भारतीयों, विशेष रूप से हिंदुओं का मजाक उड़ाने वाला एक कार्टून गुरुवार (13 मई) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया। वामपंथी ट्रोल्स द्वारा ट्विटर पर खूब शेयर किए गए इस कार्टून में भारतीयों को जमीन पर लेटे, ऑक्सीजन के लिए हाँफते हुए दिखाया गया।
इस कार्टून को फ्रांसीसी व्यंग्य पत्रिका शार्ली हेब्दो द्वारा प्रकाशित किया गया था, जिसमें हिंदू देवताओं पर कटाक्ष करते हुए पूछा गया है वे कोविड की दूसरी लहर के दौरान अपने लोगों की मदद क्यों नहीं कर सके।
चार्ली हेब्दो कार्टून के साथ फ्रेंच में एक लाइन भी थी जिसमें लिखा था, ”भारत में 33 करोड़ देवता और एक भी ऑक्सीजन पैदा करने में सक्षम नहीं।”
“33 करोड़ देवताओं” का संदर्भ और कुछ नहीं बल्कि देश के स्वास्थ्य संकट का सांप्रदायिकरण करने और कई देवताओं की पूजा करने वाले हिंदुओं पर उंगली उठाने का प्रयास है।
हमेशा की तरह ही इस बार भी वामपंथी ‘बुद्धिजीवियों’ और कुछ हिंदूफोबिक सोशल मीडिया यूजर्स ने शार्ली हेब्दो कार्टून को ट्विटर पर जमकर शेयर किया और देश में चल रहे स्वास्थ्य संकट के बीच हिंदुओं का मजाक उड़ाने के लिए फ्रांसीसी व्यंग्य पत्रिका का जय-जयकार किया।
कांग्रेस नेता बृजेश कलप्पा भी उन लोगों में से एक थे, जिन्होंने हिंदुओं का मजाक उड़ाने वाले शार्ली हेब्दो कार्टून को शेयर किया। बीजेपी पर हमला करते हुए, कलप्पा ने पूछा कि, ”भगवा पार्टी क्या करेगी, जो उनके अनुसार, शार्ली हेब्दो द्वारा इस्लाम को खराब ढंग से दिखाने को लेकर प्रकाशित कार्टूनों की श्रृंखला का जश्न मना रही थी।”
एक और वामपंथी ट्रोल सलिल त्रिपाठी, जोकि गलत जानकारियाँ फैलाने के लिए कुख्यात है, ने यह पूछने के लिए एक घृणास्पद ट्वीट किया कि क्या हिंदुत्व के फ्री स्पीच चैंपियन, जो अतीत में चार्ली हेब्दो के कार्टूनों पर खुश जताते थे, क्या अब स्वतंत्र अभिव्यक्ति के अधिकार की रक्षा करेंगे।
कांग्रेस आईटी सेल के कार्यकर्ता सुमित कश्यप ने भी शार्ली एब्दो कार्टून का यह कहते हुए जश्न मनाया कि व्यंग्य पत्रिका इस तरह के कार्टून बनाकर मानवता की बड़ी सेवा कर रही है।
जब लेफ्ट-लिबरल्स और हिंदू विरोधी शार्ली हेब्दो के कार्टून की जय-जयकार कर रहे थे, तो कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने इन ‘लेफ्ट-लिबरल्स’ के पाखंड की ओर इशारा किया कि यही लोग कुछ महीने पहले उसी फ्रांसीसी पत्रिका पर उस कार्टून को प्रकाशित करने के लिए हमला कर रहे थे, जो कथित तौर पर मुसलमानों के लिए नफरत से भरी थी।
चूँकि इस कार्टून में भारत सरकार, विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ आलोचनात्मक रुख था, इसी बात से लेफ्ट लिबरल इसकी ओर आकर्षित हुए और फिर इसे सोशल मीडिया में शेयर करने लगे।
मजाक उड़ाने और ट्रोलिंग में, तथाकथित ‘वाम-उदारवादी’ एक खास बात भूल गए कि शार्ली हेब्दो आम तौर पर सभी धर्मों को लक्ष्य बनाकर धार्मिक मान्यताओं और प्रथाओं का मजाक उड़ाते हुए कार्टून प्रकाशित करता है। लेकिन जब उन्होंने इस्लामिक पैगंबर का मजाक उड़ाते हुए कार्टून प्रकाशित किए, तो उनके ऑफिस पर आतंकवादी हमला हुआ और उनके 17 कर्मचारियों की हत्या कर दी गई।
अब भी, कई इस्लामी राष्ट्र और धार्मिक समूह फ्रांस का बहिष्कार करने का अह्वान कर रहे हैं क्योंकि उनकी सरकार ने फ्री स्पीच का समर्थन करते हुए पत्रिका को दंडित नहीं किया था।