हाल ही में मणिपुर का एक वीडियो वायरल हुआ। 2 महिलाओं को नग्न कर उनका जुलूस निकाले जाने और गैंगरेप की घटना का ये वीडियो वायरल होते ही देश भर में सनसनी मच गई। हालाँकि, वीडियो वायरल होने से ढाई महीने पहले ये घटना हुई थी, लेकिन आरोपितों की गिरफ़्तारी वीडियो सामने आने के बाद हुई। विपक्षी दलों ने भी इस पर खूब राजनीति की। वहीं अब एक और प्रोपेगंडा फैलाते हुए बताया जा रहा है कि आरोपित RSS से संबंध रखते हैं।
‘RSS की पोशाक में मणिपुर वीडियो के आरोपित’: सोशल मीडिया पर वायरल
एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति और एक युवक RSS की पोशाक में एक मैदान में खड़े हैं। उन्होंने सफ़ेद शर्ट और खाकी रंग की पैंट पहन रखी है। पीछे RSS के कुछ अन्य लोगों का भी जमावड़ा देखा जा सकता है। इस फोटो के साथ दावा किया जा रहा है कि वही वही आरोपित हैं, जिन्होंने महिलाओं को नग्न कर उनका जुलूस निकाला और उनके साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया।
చూశారుగా… వాళ్లే వీళ్ళు.. సంస్కార వంతులు… మణిపూర్ లో మహిళలను నగ్నoగా నడిపించిన ఇద్దరు నిందితులు వీల్లే..#samerss pic.twitter.com/X2GcfDIg8u
— Shankar Kondaparthi (@ShankarKondapa3) July 22, 2023
दक्षिण भारतीय भाषाओं में भी ये ट्वीट वायरल हो रहा है। JNU छात्र संघ की अध्यक्ष और वामपंथी नेता आईसी घोष ने भी इसी पर आधारित एक तस्वीर शेयर की, जिसमें संघ की वेशभूषा में एक व्यक्ति को लाठी के साथ देखा जा सकता है और एक लड़की को क्रॉस पर लटकाया गया है। साथ ही इसमें ‘हिन्दू राष्ट्र’ लिख कर तंज कसा गया है। इसी तरह, कई वामपंथी हैंडल इस तरह की तस्वीरों को शेयर करने में लगे हुए हैं।
इसी तरह, सुभाषिनी अली कानपुर से सांसद रहीं वामपंथी नेता सुभाषिनी अली ने भी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि ये मणिपुर के आरोपित हैं, इन्हें इनकी कपड़ों से पहचानिए। हालाँकि, जब लोगों ने उन्हें सच्चाई के बारे में बताया तो उन्होंने बाद में लिखा कि ये सही नहीं है। साथ ही माफ़ी माँगने की भी बात कही। लोगों ने पूछा कि आखिर ये वामपंथी नेता इतना झूठ फैलाने में क्यों लगे हुए हैं?
1st @aishe_ghosh and now @SubhashiniAli spreading lies about Manipur violence. These people are trying to settle their goal with RSS, they dont care about women and justice. pic.twitter.com/pass6YktAC
— Facts (@BefittingFacts) July 23, 2023
इतना ही नहीं, ये दावा व्हाट्सएप्प पर भी तेजी से वायरल होने लगा। इसके बाद कई जागरूक लोगों ने इस बारे में सच्चाई दिखाने का भी बीड़ा उठाया और बताया कि कैसे एक झूठा दावा शेयर किया जा रहा है।
मणिपुर के आरोपितों और RSS को साथ जोड़ने वाला दावा झूठा
बता दें कि ये दावा एकदम झूठा है। मणिपुर वायरल वीडियो काण्ड के आरोपितों का RSS से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। अब सवाल उठता है कि फिर तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति कौन हैं? असल में ये फोटो मणिपुर के प्रदेश उपाध्यक्ष चिदानंद सिंह की है। साथ में दिख रहा व्यक्ति उनका बेटा है। उन्होंने वायरल तस्वीरों पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि उनके या उनके परिवार का इस घृणित अपराध, या इस तरह के किसी भी अपराध से कोई लेनादेना नहीं है।
Why u people use photo of myself a my son? Let us meet at Court, I am filling Criminal/defamation suit against those propagating such fake news. I am Chidananda Singh, State Vice President BJP Manipur n my family never involved such heinous crime.
— Chidananda Singh (@ChChidananda) July 23, 2023
इस झूठ को बढ़ावा देने वालों में अधिकतर वामपंथी शामिल हैं। मणिपुर के भाजपा उपाध्यक्ष के बेटे को नाबालिग बताया जा रहा है। कुछ फैक्ट-चेक हैंडलों ने अपील की है कि लोगों को अपने-अपने राज्यों में ऐसा झूठ फैलाने वालों के खिलाफ FIR दर्ज करानी चाहिए।
Fake Alert | मणिपुर राज्य के बीजेपी उपाध्यक्ष व उनके 10 वर्ष के निर्दोष बेटे की तस्वीर को मणिपुर की वायरल वीडियो का दोषी बताकर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है।
— Bunch Of Thoughts (@BunchOfThought_) July 22, 2023
पोस्ट में कहा गया है, ''मणिपुर की लड़कियों के साथ बलात्कार और नग्न परेड के पीछे आरएसएस-भाजपा की जोड़ी है।''… pic.twitter.com/XaZ0Tj6447
अतः, ये दावा पूरी तरह झूठा है। मणिपुर में महिलाओं को नग्न कर जुलूस निकाले जाने और उनका गैंगरेप किए जाने की घटना के आरोपितों से RSS का कोई संबंध नहीं है। इस संबंध में मणिपुर के DGP को भी पत्र लिख कर ऐसा झूठ फैलाने वालों पर कार्रवाई की माँग की गई है।