कैलाश विजयवर्गीय के ‘चॉकलेट’ को चाट गई मीडिया, परोस दिया झूठ – यहाँ देखें पूरा Video

कैलाश विजयवर्गीय (फाइल फोटो)

कोई नेता कुछ कहता है। मीडिया सुनता कुछ और है। लिखते-छपते वो हो कुछ और जाता है। मीडिया की तोड़-मरोर कुरकुरे जितनी टेढ़ी होती जा रही है। इसमें लटपटा जाते हैं हमारे नेता। ताज़ा उदाहरण है कैलाश विजयवर्गीय का।

26 जनवरी को कैलाश विजयवर्गीय मीडिया वालों के सामने कुछ बोल रहे थे। 1 मिनट 21 सेकंड का वीडियो है। सिर्फ 1 मिनट 21 सेकंड। लेकिन देश के तमाम बड़े मीडिया हाउस ने इस वीडियो के आधार पर जो ख़बर बनाई, उसमें गच्चा खा गए। ऐसा निम्न कारणों से हो सकता (कई बार जान-बूझकर भी) है:

  • वीडियो को देखे बिना ही ख़बर बनाई
  • किसी एक ने ख़बर बनाई, उसी से कॉपी-पेस्ट का खेल चला
  • सोशल मीडिया पर किसी पार्टी ने जो पक्ष शेयर किया, उसी को आँख-मूँद कर छाप दिया

खैर! आइए देखते हैं, किस-किस ने क्या-क्या छापा:

सबसे तेज़ आज तक अपनी तेजी में मात खा गई
क्विंट ने मानो वीडियो देखना तक जरूरी नहीं समझा
साहसिक पत्रकारिता वाले इंडियन एक्सप्रेस ने कुछ ज्यादा ही साहस दिखा दिया!
अमर उजाला ने तो वीडियो ही बना डाला, काश वो बनाने के बजाय ऑरिजनल वीडियो ही लगा देते!

कैलाश विजयवर्गीय ने क्या बोला:

रिपोर्टर: करीना कपूर और सलमान खान… ऐसी माँग चल रही है कॉन्ग्रेस में। इंदौर की सीट बड़ी प्रतिष्ठित सीट है बीजेपी की, 89 से लगातार हमारे पास है। तो क्या लगता है, ये जो उत्साह है कि सितारे यहाँ से लड़ लें, कैसा दिखता है?

कैलाश विजयवर्गीय: इससे उनके आत्मविश्वास में कमी झलकती है। उनके पास लीडर नहीं हैं और चॉकलेटी चेहरे के माध्यम से चुनाव में जाना चाहते हैं… तो ये उनके अंदर के आत्मविश्वास के कमी को दर्शाता है कि वो इस प्रकार की बात करते हैं। कॉन्ग्रेस के पास कोई फेस नहीं है और इसलिए उनके पास आत्मविश्वास की कमी है, ये दिल्ली से लेकर यहाँ तक है। आत्मविश्वास रहा होता तो प्रियंका जी को चुनाव में थोड़ी लाते, तो लगता है कि हमारे लीडर को मदद की जरुरत है तो कोई करीना कपूर का नाम चलाता है, कोई सलमान खान का नाम चलाता है। कभी प्रियंका जी को ले आते हैं, इसका मतलब है ये कि राहुल जी के नेतृत्व के प्रति एक आत्मविश्वास होना चाहिए और आत्मविश्वास नहीं है देश में कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं…

यह रहा ऑरिजनल वीडियो

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया