कहीं बूढ़े महंत ने दिया दान तो कहीं पशु-पक्षियों को भोजन: 5 छोटे मंदिर जो कोरोना आपदा के बीच कर रहे बड़े काम

चेक सौंपते अखनूर के महंत गणेश दास (बाएँ) और दिल्ली का रामजानकी राधाकृष्ण मंदिर (दाएँ)

कोरोना वायरस की आपदा के बीच भारत के सारे मंदिर और मठ एक ही ध्येय लेकर चल रहे हैं और वो है जनसेवा, यानी राहत-कार्य। यहाँ हम आपको 5 ऐसे मंदिरों के बारे में बताएँगे, जिनके बारे में लोगों को ज्यादा नहीं पता लेकिन वो लोगों की भलाई, दान और समाजसेवा के मामले में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। इससे पहले हम आपको उन बड़े मंदिरों के बारे में बता चुके हैं, जिन्होंने आगे बढ़ कर इस विकट परिस्थिति में जनता व सरकार की मदद की।

जम्मू के अखनूर में स्थित है ‘पूली वाले मंदिर’, जिसके महंत हैं गणेश दास। उन्होंने कारगिल युद्ध और बाढ़ आपदा के दौरान भी 11-11 हज़ार रुपए की धनराशि दान दी थी। छोटे से मंदिर के बड़े दिल वाले महंत ने इस बार भी इतनी ही राशि पीएम केयर्स फण्ड में दान दी है। उन्होंने भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शामलाल शर्मा को चेक सौंपा। मंहत गणेश दास ने कहा कोरोना वायरस महामारी से लोगों को हिदायतों का पालन करना होगा और गरीब परिवार की मदद के लिए आगे आना होगा

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अब आते हैं उत्तराखंड के पौड़ी में स्थित कंडोलिया मंदिर पर। कंडोलिया मंदिर ने सीएम राहत कोष में 2.11 लाख रुपए की मदद की है। मंदिर समिति के अध्यक्ष जसपाल सिंह नेगी ने कहा कि जब इस समय पूरा देश कोरोना की चपेट में आया हुआ है और कई ज़रूरतमंद फँसे हुए हैं, लॉकडाउन में केंद्र व राज्य सरकार अच्छे से क़दम उठा रही है। उन्होंने कहा कि मंदिर द्वारा दान की गई राशि जनता की बेहतरी में ख़र्च की जाएगी।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहाँ का झंडेवालान मंदिर तो लगातार जनसेवा कर रहा है, लक्ष्मी नगर के शुभाष चौक स्थित ‘श्री दुर्गा एवं श्याम मंदिर’ द्वारा संचालित ‘श्याम रसोई’ के माध्यम से गरीबों को खाना खिलाया जा रहा है। मंदिर के संचालक आचार्य दिनेश शर्मा का कहना है कि श्याम बाबा की कृपा से लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए रोजाना राशन किट वितरण का कार्य किया जा रहा है। मंदिर ने कहा है कि किसी को भी भोजन की कमी हो तो वो संपर्क करे।

मध्य प्रदेश के होशंगाबाद स्थित आमला में तो आम आदमी के अलावा पशु-पक्षियों का भी ध्यान रखा जा रहा है। यहाँ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रेलवे कॉलोनी स्थित छोटे से हनुमान मंदिर की समिति पशु-पक्षियों के भोजन का जुगाड़ कर रही है। यहाँ आरएसएस लगभग 1 महीने से जनसेवा के कार्य में रत है। नगर और अंचल के 10 हज़ार से भी अधिक लोगों के खाने का इंतजाम अब तक किया जा चुका है।

होशंगाबाद में ही शिवनी मालवा में ‘राम जानकी राधा कृष्ण मंदिर’ स्थित है, जहाँ हो रहे राहत कार्य का जायजा लेने ख़ुद न्यायाधीश यशवंत मालवीय पहुँचे और वो क़ाफी प्रभावित भी नज़र आए। वहाँ ‘जनता रसोई’ चल रही है, जिसके माध्यम से कार्यकर्ता घर-घर जाकर भोजन का वितरण कर रहे हैं। जस्टिस मालवीय ने न सिर्फ़ वित्तीय मदद की बल्कि आगे भी सहायता का आश्वासन दिया। यहाँ भी सोशल डिस्टन्सिंग का पूरा पालन किया जा रहा है।

इसकी तुलना आप कई मस्जिदों से कर सकते हैं। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज़ मस्जिद ने दान देना तो दूर, उल्टा लॉकडाउन का उल्लंघन कर पूरे देश में महामारी फैला दी। एक वायरल वीडियो के अनुसार, जब पुलिस ने एक मस्जिद में जाकर मौलवी से आग्रह किया कि वो मस्जिद के माइक से कोरोना के ख़तरों के प्रति लोगों को आगाह करें तो उसने इनकार करते हुए कहा कि ये अल्लाह का घर है और कभी बंद नहीं होगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया