अक्सर आपने सोशल मीडिया में हनुमान जी की विशालकाय सिंदूरी प्रतिमा देखी होगी जो शिमला में स्थित है। 108 फुट ऊँची इस प्रतिमा को शिमला के किसी भी कोने से देखा जा सकता है। यह विशालकाय प्रतिमा स्थित है जाखू मंदिर में जो समुद्र तल से 8040 फुट की ऊँचाई पर जाखू पहाड़ पर स्थित है। तो आइए जानते हैं कि इस दिव्य मंदिर की स्थापना के पीछे क्या कारण था? और इसका संबंध हनुमान जी से किस प्रकार से है?
जब शिमला पहुँचे थे हनुमान जी
भगवान राम और लंका नरेश रावण के मध्य युद्ध चल रहा था। कई दिनों तक युद्ध चलने के बाद भी जब रावण की सेना भगवान राम की वानर सेना के आगे निर्बल दिखाई दे रही थी। तब रावण के पुत्र मेघनाद ने लक्ष्मण पर शक्ति बाण चला दिया जिसके प्रभाव से वह मूर्छित हो गए। वैद्य के कहने पर लक्ष्मण के इलाज के लिए हनुमान जी हिमालय से संजीवनी बूटी लाने के लिए निकाल पड़े।
आकाश मार्ग से जा रहे हनुमान जी की नजर जाखू पहाड़ पर तपस्या कर रहे एक यक्ष ऋषि पर पड़ी। मार्ग में विश्राम कर और संजीवनी बूटी का पता पूछने के लिए हनुमान जी इसी स्थान पर उतरे। यक्ष ऋषि से संजीवनी की जानकारी लेने के बाद हनुमान जी ने उनसे दोबारा मिलने का वादा किया।
कालनेमि नामक राक्षस के मायाजाल के कारण हनुमान जी को कुछ देर हो गई इसलिए वह एक छोटे मार्ग से लौट आए और अपने वचन के अनुसार यक्ष ऋषि से मुलाकात नहीं कर पाए। इस पर ऋषि व्याकुल हो उठे। उनकी व्याकुलता दूर करने के लिए अंततः हनुमान जी ने यक्ष ऋषि को दर्शन दिया। इसके बाद इस स्थान पर हनुमान जी की स्वयंभू प्रतिमा प्रकट हुई। इसे लेकर यक्ष ऋषि ने हनुमान जी का यह मंदिर बनवा दिया। हनुमान जी की यह स्वयंभू प्रतिमा आज भी मंदिर के आँगन में स्थापित है।
बाद में मंदिर में जब श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती गई तब यहाँ हनुमान जी की 108 फुट की विशालकाय प्रतिमा का निर्माण कराया गया। यह प्रतिमा इतनी विशाल है कि लगभग शिमला के प्रत्येक कोने से देखी जा सकती है। ‘प्राइड ऑफ शिमला’ कही जाने वाली यह प्रतिमा विश्व की कुछ सबसे ऊँची प्रतिमाओं में से एक है। हिमाचल प्रदेश की यात्रा में जाने वाले श्रद्धालु शिमला के इस हनुमान मंदिर की यात्रा अवश्य करते हैं।
कैसे पहुँचे?
शिमला, हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। यहाँ हवाई अड्डा है जो शहर से 23 किमी दूर जुबरहट्टी में स्थित है। दिल्ली से यहाँ पहुँचने के लिए विमान सेवा उपलब्ध है। शिमला का निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ़ भी है। रेलमार्ग से भी शिमला देश के बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। शिमला की रेल लाइन अपनी सुंदरता के लिए विश्व विख्यात है। कालका-शिमला रेल लाइन को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा प्राप्त है।
शिमला उत्तर भारत के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। चंडीगढ़, शिमला से निकटतम स्थित प्रमुख शहर है जो यहाँ से 120 किमी की दूरी पर है। दिल्ली से शिमला की दूरी लगभग 380 किमी है, लेकिन दिल्ली से शिमला पहुँचने के लिए कई सारे साधन उपलब्ध हैं।