मध्य प्रदेश के खंडवा स्थित ओंकारेश्वर में जगद्गुरु शंकराचार्य की 108 फ़ीट ऊँची प्रतिमा के निर्माण पर कार्य शुरू हो गया है। इसे ‘Statue Of Oneness’ कहा जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जीवन में व्यावहारिक वेदांत कैसे उतारा जाए, इसका भी ये प्रतीक होगा। बहुधातु की इस प्रतिमा के सहारे सौहार्दता का सन्देश दिया जाएगा। ये एक ऐसा महत्वपूर्ण स्थल होगा, जहाँ शंकराचार्य के जीवन के साथ-साथ मठ परंपरा और पर्यावरण संरक्षण की भी जानकारी मिलेगी।
इस सम्बन्ध में ‘आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास’ के सदस्यों ने कई सुझाव दिए हैं, जिन पर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अमल करने का आश्वासन दिया है। सीएम चौहान ने इसकी दूसरी बैठक को सम्बोधित भी किया। संतों ने कहा कि ये एक विश्वव्यापी केंद्र बनेगा, जहाँ सभी सम्प्रदायों और आचार्यों को जोड़ा जाएगा। इसे एक दर्शनीय केंद्र बनाया जाएगा, जहाँ लोगों को भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए 58.30 हेक्टेयर (143.21 एकड़) भूमि भी उपलब्ध करा दी गई है।
प्रतिमा के लिए अस्थायी मॉडल तैयार करने का कार्य फ़िलहाल चालू है। केन्द्र का मुख्य द्वार जगन्नाथ पुरी मंदिर के द्वार को प्रदर्शित करने वाला होगा। ओंकारेश्वर को इसके बाद एक ‘टेम्पल टाउन’ के रूप में विकसित किया जाएगा। निर्माण के लिए कलात्मक शैली का इस्तेमाल किया जाएगा। एक गुरुकुल का भी निर्माण किया जाएगा। जिस कंपनी ने दुबई स्थित ‘बुर्ज खलीफा’ और केवडिया के ‘स्टेचू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण किया है, उसी कंपनी को इसका कार्य भी सौंपा जाएगा।
27 फ़ीट ऊँचे बेस पर ये मूर्ति स्थित होगा, जो कमल के फूल के आकार का होगा। समुद्र के तल से मूर्ति की ऊँचाई 280 मीटर (918 फ़ीट) होगी। प्रतिमा जिस प्लेटफॉर्म पर होगी, उसकी ऊँचाई 54 फ़ीट रखी जाएगी। अंतरराष्ट्रीय शोध केंद्र और समन्वय केंद्र भी बनेगा। सात स्कूल भी इस अद्वैत वेदांत संस्थान के अंतर्गत बनाए जा रहे हैं। संग्रहालय और संस्थान की घोषणा फरवरी 2017 में ही हुई थी। संग्रहालय में थिएटर, नौका विहार और वास्तु विक्रय केंद्र भी होंगे।