फिल्म ‘RRR’ में अल्लू सीताराम राजू के किरदार में दिख रहे तेलुगु अभिनेता राम चरण तेजा का शनिवार (27 मार्च, 2022) को अपना 37वाँ जन्मदिन मना रहे हैं। ‘बाहुबली’ फेम निर्देशक एसएस राजामौली की ये फिल्म उत्तर भारत में भी खूब पसंद की जा रही है, ऐसे में आपके मन में राम चरण तेजा के बारे में और जानने की उत्सुकता होगी। असल में वो तेलुगु सिनेमा इंडस्ट्री तक लंबे समय तक राज करने वाले और एक समय भारत के सबसे महँगे अभिनेता रहे मेगास्टार चिरंजीवी के बेटे हैं।
1985 में जन्मे राम चरण तेजा को 3 बार फिल्मफेयर ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के अवॉर्ड्स से नवाजा है। 2007 में आई फिल्म ‘चिरुथा’ लीड रोल में उनकी पहली तेलुगु मूवी थी और उसके बाद वो एक जाना-पहचाना नाम बन गए थे। लेकिन, वो 2009 में आई एसएस राजामौली निर्देशित ‘मगाधीरा’ थी, जिसने उन्हें बड़ी पहचान दी। 2013 तक ये सबसे ज्यादा कमाई करने वाली तेलुगु फिल्म रही थी। 2018 में आई ‘रंगस्थलम’ से उन्होंने समीक्षकों और दर्शकों, दोनों का प्यार जीता।
बहुत कम लोग जानते हैं कि राम चरण एक अच्छे घुड़सवार भी हैं और वो इसमें दक्ष हैं। हैदराबाद में उनकी एक अपनी पोलो की टीम भी है। ‘Maa Tv’ के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का वो हिस्सा रहे हैं। 2009 में पेप्सी कंपनी ने उन्हें अपने विज्ञापन अभियानों का प्रवक्ता बनाया था। वो TruJet नाम की एक एयरलाइंस कंपनी भी चलाते हैं। 2016 में उन्होंने अपनी पोडक्शन कंपनी शुरू की और अपने पिता की 150वीं फिल्म ‘खैड़ी नंबर 150’ का निर्माण किया।
सामाजिक कार्यों में हमेशा आगे रहे राम चरण तेजा रक्तदान अभियानों का भी आयोजन करते हैं। कोरोना के दौरान उन्होंने अपने पिता के साथ ऑक्सीजन बैंक्स की शुरुआत की। उनकी पत्नी उपासना कामिनेनी ‘अपोलो चैरिटी’ की वाईस चेयरमैन होने के साथ-साथ ‘बी पॉजिटिव’ नामक मैगजीन की संपादक भी हैं। कामिनी के दादा प्रताप रेड्डी ‘अपोलो हॉस्पिटल्स’ चेन के संस्थापक हैं। हालाँकि, उन पर नेपोटिज्म वाली फैमिली से होने के आरोप भी आलोचक लगाते रहे हैं।
Worldwide Appreciations for his hardwork and dedication in #RRRMovie
— IndiaGlitz Telugu™ (@igtelugu) March 26, 2022
Probably a birthday gift for an actor cannot be better than this.
Birthday Wishes to @AlwaysRamCharan From Team #IndiaGlitzTelugu#HBDRamCharan pic.twitter.com/7OG0QpaphZ
जून 2018 में राम चरण ने बताया था कि वो ‘आध्यात्मिक जीवन’ में विश्वास रखते हैं। साथ ही वो हर वर्ष 45 दिनों की ‘अयप्पा दीक्षा’ की प्रक्रिया पूरी करते हैं। उनका कहना है कि आध्यात्मिक प्रक्रियाएँ उन्हें राहत देती हैं। वो खुद को धार्मिक और आध्यात्मिक बताते हैं। उन्होंने तब बताया था कि पिता से प्रेरित होक वो 10 सालों से ‘अयप्पा दीक्षा’ पूरी कर रहे। एक अभिनेता के रूप में उन्हें जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, उनके हिसाब से ये प्रक्रिया उन सब से उन्हें राहत देती हैं।