दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में सिनेमा व राजनीति एक-दूसरे से मिले-जुले हुए हैं। तमिलनाडु के CM रहे करूणानिधि और जयललिता फिल्म इंडस्ट्री से थे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे NTR फिल्म इंडस्ट्री से थे। हालाँकि, केरल में ये देखने को नहीं मिलता है। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री एक एक बड़ा बाजार है, जिसने ममूटी, मोहनलाल, जयराम और सुरेश गोपी जैसे सुपरस्टार दिए हैं। आज दिलकीर सलमान और फहाद फासिल सुर्खियाँ बटोर रहे हैं।
अब पिछले 53 वर्षों से मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय ममूटी पर जिहादी होने के आरोप लगे हैं, जिसके बाद वो विवादों में आ गए हैं। उन्हें उनके फैंस ‘मम्मूक्का’ भी कहते हैं। चेन्नई स्थित एक कारोबार मोहम्मद शरशाद बनियांदी, जो कि CPI(M) नेता भी है, उन्होंने ‘सुपर मेगास्टार’ ममूटी को लेकर कुछ ऐसे खुलासे किए हैं, जो धर्मनिरपेक्ष, उदार और लोकतांत्रिक व्यवस्था में यकीन रखने वालों को हैरान करने वाले हैं। हालाँकि, न सिर्फ CPI(M) व उनके लेफ्ट के साथी दल, बल्कि कॉन्ग्रेस भी ममूटी को जिहादी बताए जाने का विरोध कर रही है।
मोहम्मद शरशाद बनियांदी ने कहा है कि उनकी पूर्व-पत्नी राठीना PT और स्क्रिप्ट लेखक हर्षद ने मिल कर एक हिन्दू विरोधी और सवर्ण विरोधी फिल्म बनाने की साजिश रची, जिसमें ममूटी मुख्य अभिनेता थे। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि राठीना PT पर दबाव बनाया गया था कि हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए वो इस फिल्म का निर्देशन करें। मामला 2022 में रिलीज हुई फिल्म ‘Puzhu’ से जुड़ा है, जिसे ममूटी की होम प्रोडक्शन कंपनी ‘Wayfarer Films’ द्वारा बनाया गया था।
इस फिल्म का डिस्ट्रीब्यूशन SonyLIV ने किया था।इस फिल्म इस फिल्म में उन्होंने एक ‘उच्च जाति’ के IPS अधिकारी का किरदार निभाया है, जो अपनी बहन से इसीलिए नफरत करता है क्योंकि वो अपने दलित प्रेमी के साथ भाग गई थी। असल में राठीना PT ने एक हल्का-फुल्का मनोरंजन वाली फिल्म बनाने की सोची थी, लेकिन दावा है कि उन्हें ‘सुपर मेगास्टार’ के हिसाब से चलना पड़ा। फिल्म के लेखक हर्षद को भी शरशाद ने एक ‘इस्लामी कट्टरपंथी’ बताया है।
बनियांदी ने कहा कि ममूटी को राठीना के साथ एक अन्य प्रोजेक्ट पर काम करना था, लेकिन जल्दी-जल्दी में ‘Puzhu’ बना दी गई। उन्होंने दावा किया कि इस फिल्म के लिए कुछ ‘बाहरी तत्वों’ ने उनकी पूर्व पत्नी के मन में कुछ भर दिया था। ममूटी 2000 से ही ‘कैराली टीवी’ के चेयरमैन हैं, जिसे CPI(M) का वरदहस्त हासिल है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से उनके नज़दीकी रिश्ते हैं। 2007 में ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI)’ के ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि अगर ये संगठन गुजरात में सक्रिय रहता तो 2002 में दंगे नहीं होते।
This is a story that should worry every Indian. It's not just about #Mammootty's Jihadi links, but power of "secular" Muslim League & cohorts to remove any leader that opposes Islamic hegemony in #Kerala. Muslim share in population is 27% only. Do read. @kumarchellappan report pic.twitter.com/waWUMrKU5q
— Ratan Sharda 🇮🇳 रतन शारदा (@RatanSharda55) May 21, 2024
बता दें कि DYFI ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट)’ का ही युवा संगठन है। अब SIMI के पूर्व अध्यक्ष एवं CPI(M) के MLA KT जलील ने भाजपा पर हमला किया है। उन्होंने ममूटी का बचाव किया है। वो कहते रहे हैं कि भारत को इस्लाम के माध्यम से ही ‘मुक्त’ किया जा सकता है। वो केरल में मंत्री भी रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि मोहम्मद शरशाद बनियांदी अपने कहे से पलट गए हैं, लेकिन हमें अभी तक ऐसा कुछ आधिकारिक नहीं मिला है।