भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से आई दो नाबालिग बहनों को उनके घर वापस भेज दिया है। दोनों बहनें गलती से नियंत्रण रेखा (LOC) पार कर जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में दाखिल हुई थीं। प्रशासन और सेना ने दोनों बहनों को उपहार के साथ उनके घर वापस रवाना किया। इसके लिए सेना का आभार प्रकट करते हुए कहा कि कि उन्हें इस बात की आशा नहीं थी कि वे अपने घर लौट पाएँगी।
दोनों बहनों की पहचान लाएबा जुबैर (17) और सना जुबैर (13) के रूप में हुई है। दोनों कहुटा तहसील अब्बासपुर गाँव की रहने वाली हैं। वे रविवार (6 दिसंबर 2020) की सुबह नियंत्रण रेखा से जम्मू-कश्मीर के पुंछ में दाखिल हुई थीं। तभी इन पर सेना के जवानों की नज़र पड़ी और उन्होंने दोनों को हिरासत में लिया। हिरासत में लेने के बाद सेना ने दोनों नाबालिग बहनों से पूछताछ की और पूछताछ के बाद पुलिस के हवाले कर दिया। इस घटना के बाद पूरे एलओसी क्षेत्र को एलर्ट कर दिया गया था।
#WATCH | We lost our way & entered Indian territory. We feared that Army personnel will beat us up but they treated us in a very good manner. We had thought that they would not allow us to go back but today we are being sent home. People are very good here: Laiba Zabair https://t.co/u6DXgPEf7C pic.twitter.com/2rkf8hOdxk
— ANI (@ANI) December 7, 2020
घर वापस भेजे जाने के बाद लाएबा जुबैर ने भारतीय सेना का आभार प्रकट करते हुए कहा, “हम अपना रास्ता भटक गए थे और भूलवश भारतीय सीमा में चले गए थे। हमें इस बात का डर लग रहा था कि सेना के जवान हमारी पिटाई करेंगे। लेकिन वह सभी हमारे साथ बहुत ही अच्छे से पेश आए। उन्होंने हमें खाना दिया और ठहरने के लिए जगह भी दी। सभी लोग हमारी वापसी के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे। उनका व्यवहार बहुत ही अच्छा था। हमें ऐसा लग रहा था कि यह लोग हमें वापस अपने घर नहीं जाने देंगे, लेकिन आज हम अपने घर जा रहे हैं। यहाँ के लोग वाकई बहुत अच्छे हैं।”
इस घटनाक्रम पर सेना अधिकारियों ने भी जानकारी दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ पुंछ में नियंत्रण रेखा पर तैनात भारतीय सेना की सरला बटालियन ने दोनों नाबालिग लड़कियों को चकना दा बाग़ क्षेत्र में पाकिस्तान की तरफ से दाखिल होते हुए देखा। तुरंत सेना के जवानों ने उनको हिरासत में लिया और पूछताछ की। पूछताछ के दौरान दोनों नाबालिग बहनों ने स्वीकार किया था कि वे गलती से यहाँ आई थीं।