पाकिस्तान से हिंदुओं पर अत्याचार की खबरें आना कोई नया नहीं है। वहाँ के अल्पसंख्यक अकसर अपने भविष्य को बचाने के लिए भारत आते दिखते हैं। इस बार भी अमृतसर के पास अटारी बॉर्डर से हिंदू परिवारों ने भारत में एंट्री ली है। बुधवार (7 अगस्त 2024) को बाहर से आने वाले इस जत्थे में कुल 21 लोग हैं। ये लोग बांग्लादेश में सरकार गिरने के बाद जो हिंदुओं पर हिंसा शुरू हुई उसके कारण भारत आए।
अब बताया जा रहा है कि अटारी बॉर्डर से भारत में आने बाद ये लोग जोधपुर जाएँगे और वहीं पर रहेंगे। इन्हें लेने जोधपुर का एक शख्स भी पहुँचा था। उसका कहना था कि इनमें से 16 लोग उसकी पत्नी के रिश्तेदार हैं। इसके अलावा अन्य 5 लोग भी उनसे ही जुड़े हुए एक परिवार के हैं।
उन्होंने बताया कि ये सारे लोग पाकिस्तान के पंजाब सूबे के सहीम यार खान में रहते थे, मगर खराब होते माहौल को देखते हुए इन लोगों ने पलायन का निर्णय लिया और वो भारत आ गए।जोधपुर से आए व्यक्ति ने यह भी बताया कि उनके बहनोई दर्शन और ससुर बिरया राम ने अब पाकिस्तान वापस न लौटने का फैसला किया है, उन्होंने इसका कारण नहीं बताया है, बस वो अब भारत ही रहेंगे।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अटारी बॉर्डर से जो लोग भारत आए उन्होंने बताया कि आने वाले समय में कई और हिंदू परिवार भारत आ सकते हैं। यही नहीं एक ने कहा कि बांग्लादेश में जिस तरह से हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं उसे देखते हुए हमें लगा कि जल्दी ही भारत की तरफ चले जाना चाहिए। इसलिए उन्होंने भारत का रुख किया। रिपोर्ट में बताया गया है कि इन दो परिवारों ने टूरिस्ट वीजा के लिए एप्लाई कर दिया है और बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ उसे देखते हुआ उसे देख वो सब अब भारत में रहेंगे।
मालूम हो कि ऐसा नहीं है कि बांग्लादेश में सरकार गिरने से स्थिति खराब होना ही पाकिस्तानी हिंदुओं के पलायन का अकेला कारण नहीं है, पाकिस्तान से जुड़ी खबरें यदि देखेंगे तो पता चलेगा कि कैसे पाकिस्तान में हिंदुओं पर हत्याचार किया जाता है। कैसे वहाँ हिंदुओं की बहन-बेटियों के अपहरण के बाद उनके साथ बलात्कार होता है, उनसका निकाह करवा दिया जाता है, धर्मांतरण करवा दिया जाता है और हिंदू लड़कों को बेरहमी से मारने की भी कई घटनाएँ हमारे सामने आ चुकी हैं। यही वजह है कि पाकिस्तान से समय-समय पर हिंदुओं का पलायन होता रहा है।