एयर इंडिया की उड़ान में अपनी महिला सहयात्री पर पेशाब (Air India Flight Peeing Case) करने वाले आरोपित शंकर मिश्रा (Shankar Mishra) को उसकी कंपनी वेल्स फ़ार्गो ने नौकरी से निकाल दिया है। अमेरिका की इस बहुराष्ट्रीय कंपनी में 34 वर्षीय मिश्रा भारत का उपाध्यक्ष था। घटना में उसका नाम सामने आने के बाद कंपनी ने यह निर्णय लिया है।
बता दें कि 26 नवंबर 2022 को न्यूयॉर्क से नई दिल्ली जाने वाली एयर इंडिया की एक फ्लाइट के बिजनेस क्लास में मिश्रा ने 72 साल की महिला पर पेशाब कर दिया गया है। इसको लेकर बवाल मचा गया है। घटना को लेकर नागरिक उड्डयन निदेशालय (DGCA) ने एडवायजरी भी जारी की है।
अपने निर्णय से संबंधित बयान जारी करते हुए कंपनी ने कहा, “वेल्स फार्गो कर्मचारियों को पेशेवर और व्यक्तिगत व्यवहार के उच्चतम मानकों के अनुरूप रखता है। हम इन आरोपों को बेहद परेशान करने वाला पाए हैं। इस व्यक्ति को वेल्स फार्गो से निकाल दिया गया है। हम कानून प्रवर्तन के साथ सहयोग कर रहे हैं।”
उधर घटना के बाद से ही मिश्रा फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। मिश्रा मुंबई का रहने वाला है। दिल्ली पुलिस ने अधिकारियों को मिश्रा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी करने के लिए लिखा है।
दिल्ली पुलिस ने मिश्रा के खिलाफ IPC की धारा 294 (सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकत), 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक इरादा), 509 (शब्द, हावभाव या कृत्य से महिला के अपमान का इरादा), 510 (शराबी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक तौर पर दुराचार) के साथ-साथ विमानन नियमों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस घटना के DGCA ने टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही एयर इंडिया को ‘गैर-पेशेवर’ बताते हुए उसे लिखे पत्र में DGCA ने कहा, “प्रथम दृष्टया यह सामने आता है कि एक अनियंत्रित यात्री को ऑनबोर्ड सँभालने से संबंधित प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है।’
एयर इंडिया ने उस घटना की पुष्टि की है, जिसमें शंकर मिश्रा नशे की हालत में महिला यात्री पर पेशाब कर दिया। मिश्रा महिला की सीट के सामने खड़ा होकर अपनी पतलून की जिप खोली और अपने शिश्न को निकाल कर उस पर पेशाब करने लगा। इतना ही नहीं, पेशाब करने के बाद भी उसी अवस्था में महिला की सीट के पास खड़ा रहा। इसके बाद दूसरे यात्री ने उसे जाने के लिए कहा।
बुजुर्ग महिला ने इस घटना को लेकर टाटा समूह को पत्र भी लिखा है। उसने पत्र में कहा है कि पेशाब से भीगे उसके कपड़े को बदलने के लिए एयर इंडिया के चालक दल के सदस्यों ने उसे एक जोड़ी पजामा और चप्पल दी। इतना ही नहीं, चालक दल के सदस्यों ने मिश्रा को सामने लाकर उस महिला से बातचीत करने के लिए मजबूर भी किया। महिला का कहना है कि यह उसके लिए सदमे जैसी स्थिति थी।
पेशाब करने के बाद मिश्रा की जैसे ही कुछ होश आया, उसने अपने बगल में बैठे यात्री से कहा, ‘भाई लगता है कि में कुछ समस्या में फँस गया हूँ’। मिश्रा के सीट के बगल में बैठे अमेरिका में डॉक्टर सुगत भट्टाचार्य ने TOI को बताया कि खाना खाने के दौरान ही वह चार ग्लास सिंगल माल्ट ह्विस्की पी गया। भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि वह पियक्कड़ लग रहा था और वह इससे पहले भी उसने जरूर पी रखी होगी।
जिस महिला के ऊपर मिश्रा ने पेशाब किया था, वह उससे पीछे वाली सीट पर बैठी थी। होश में आने पर उसने चालक दल के सदस्यों से बात की और चालक दल के सदस्य उसे लेकर बुजुर्ग महिला के पास गए। मिश्रा महिला से माफी माँगने लगा। इस दौरान वह अपनी बीवी-बच्चों का वास्ता देकर रोने भी लगा। वो नहीं चाहता था कि उसकी हरकत के बारे में सबको पता चले।
उधर, शंकर मिश्रा के वकील ईशानी शर्मा और अक्षत बाजपेयी ने 6 जनवरी को एक बयान जारी कर कहा कि उनके मुवक्किल ने 28 नवंबर को महिला यात्री के कपड़े और बैग साफ करवाए थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि महिला ने मिश्रा के इस हरकत की निंदा की थी, लेकिन उसने साफ तौर पर कहा था कि वह शिकायत नहीं करेगी।
वकीलों ने यह दावा किया कि महिला यात्री ने 20 दिसंबर 2022 को एयरलाइन से मुआवजा के लिए शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद शंकर मिश्रा ने महिला को 15,000 रुपए भेजे थे। वह आरोपी शंकर मिश्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती थीं। हालाँकि, महिला की बेटी ने अगले दिन उस पैसे को वापस कर दिया।
वहीं, शंकर मिश्रा के वकील पिता श्याम नवल मिश्रा उसके बचाव में उतर आए हैं। श्याम का कहना है कि उनके बेटे को नहीं पता कि फ्लाइट में क्या हुआ था। वह पिछले 72 घंटों से सोया नहीं था। इसलिए थोड़ी सी शराब पीकर सो गया था। इस घटना जानकारी चालक दल के सदस्यों ने उसे जगाकर दी थी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनका बेटा कहाँ है।