भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बीच पहली बार राहत के संकेत मिले हैं। ताजा आँकड़ों के मुताबिक कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने वालों की संख्या, संक्रमण के नए मामलों से ज्यादा है। दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश के एक अस्पताल में 11 लोगों की मौत की खबर है।
ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से सोमवार (10 मई 2021) शाम आंध्र प्रदेश में तिरुपति के सरकारी अस्पताल श्री वेंकटेश्वर रामनारायण रुइया हॉस्पिटल (SVRR) में 11 कोविड मरीजों की मौत हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चित्तूर के जिला कलेक्टर एम. हरिनारायणन ने कहा कि तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर से एसवीआरआर अस्पताल में ऑक्सीजन टैंकर के आने में देरी के कारण ऑक्सीजन की सप्लाई में लगभग 5-10 मिनट के लिए व्यवधान आया था।
कलेक्टर ने कहा, ”अस्पताल में टैंकर के आने के तुरंत बाद, ऑक्सीजन की सप्लाई बहाल कर दी गई, लेकिन उस समय तक, कोविड -19 का इलाज करा रहे 11 लोगों की मृत्यु हो गई। हम ऑक्सीजन की सप्लाई बहाल करके और मौतों को रोकने में सफल रहे।”
Andhra Pradesh: 11 patients died in Ruia Govt Hospital Tirupati due to a reduction in pressure of oxygen supply, says Chittoor District Collector Harinarayan. Chief Minister YS Jagan Mohan Reddy has ordered an inquiry into the matter. pic.twitter.com/eWY46QEizt
— ANI (@ANI) May 10, 2021
इस अस्पताल में लगभग 1,000 रोगियों का इलाज चल रहा था और ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से कई रोगियों को साँस लेने में गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई।
मृतकों के परिजनों ने की अस्पताल में तोड़फोड़
इस घटना के बाद जान गँवाने वाले मरीजों के गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की, जिससे डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को अपनी सुरक्षा के लिए भागना पड़ा। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए वरिष्ठ जिला अधिकारी अस्पताल पहुँचे।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने तिरुपति के एसवीआरआर अस्पताल में हुए हादसे पर दुख और शोक व्यक्त किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने इस घटना की व्यापक जाँच के आदेश दिए हैं और राज्य के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि राज्य के किसी भी अस्पताल में ऐसी स्थिति की दोबारा न पैदा हो। उन्होंने अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे लगातार ऑक्सीजन की निगरानी करें और यह देखें कि किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी न हो।
तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भी इस घटना पर दुख जताया और दुखद मौतों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। नायडू ने जगन सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा इस सरकार ने अस्पतालों में पर्याप्त बुनियादी ढाँचा विकसित करने में रुचि नहीं दिखाई है।
नए केस से ज्यादा स्वस्थ होने वाले
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में पहली बार गिरावट के संकेत मिले हैं। 10 मई 2021 को सामने आए आँकड़ों के मुताबिक, पिछले दो महीने में पहली बार ठीक हुए लोगों की संख्या नए संक्रमितों से अधिक रही।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार सोमवार को 3,29,491 नए केस दर्ज किए गए, जबकि इस अवधि के दौरान 3,55,851 लोग ठीक हुए।
इसकी तुलना ठीक दो महीने पहले के आँकड़े से करें तो 10 मार्च, 2021 को देश में कोरोना के 22 हजार से अधिक नए मामले सामने आए थे, जबकि उस दौरान 24 घंटे के दौरान 18 हजार से अधिक लोग ठीक हुए थे।
नए केसों की संख्या 4 अप्रैल को अचानक ही नियंत्रण से बाहर चली गई जब दूसरी लहर के दौरान पहली बार भारत में 24 घंटे के दौरान एक लाख से ज्यादा केस दर्ज किए गए। महज 10 दिनों के अंदर ही 14 अप्रैल को भारत ने दो लाख केस का आँकड़ा छू लिया। कोरोना के मामलों में अचानक हुई इस बढ़ोतरी ने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पको दबाव में ला दिया और भारत में आईसीयू बेड, स्वास्थ्यकर्मियों, मेडिकल ऑक्सीजन और मेडिसिन की भारी कमी पड़ गई।
अगले दस दिनो के अंदर ही 21 अप्रैल तक भारत में तीन लाख केस प्रति दिन आने लगे। हालाँकि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से स्थिति में सुधार हुआ और मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई तेजी से बढ़ी। जीवन रक्षक दवाओं और मशीनों का युद्ध स्तर पर निर्माण और आयात किया गया। भारत ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सैन्य बलों को भी उतार दिया।
30 अप्रैल को भारत में चार लाख केस सामने आए और इसके बाद इसमें कुछ गिरावट आई, लेकिन 4 से 8 मई के दौरान लगातार चार दिन चार लाख से अधिक केस सामने आए।