बांग्लादेश के सांसद की निर्मम हत्या के मामले में गिरफ्तार कसाई जिहाद हवलदार ने कई राज खोले हैं। कसाई ने बताया है कि उसने अनवारुल अजीम अनार को मारने के बाद 80 टुकड़ों में काटा था। ये काम उसने मात्र 5000 रुपए के लिए किया था। इसके बाद उसके शव को 14-15 मई की रात के 8 बजे के आसपास ठिकाने लगाया गया था। इन शव के टुकड़ों को इस तरह से कोलकाता में जगह-जगह फेंका गया था कि अब पुलिस को जाँच के दौरान इन्हें बरामद करना मुश्किल हो रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कसाई ने जहाँ शव के टुकड़ों को फेंकने की बातें कही हुई हैं वहाँ पर पुलिस लगातार छानबीन कर रही है। गंदे पानी में मछुआरे अपना जाल डाल मांस के टुकड़े खोजने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं गोताखोरों को भी काम में लगाया गया है। सूत्रों के हवाले से दी जा रही जानकारी में कहा गया है कि जिहाद ने भांगर और उसके आसपास कई बार रेकी करने के बाद न्यू टाउन से दूर स्थित कम आबादी वाले जगह को शरीर के अंग फेंकने के लिए चुना था।
फिलहाल, जिहाद कोलकाता सीआईडी पुलिस की हिरासत में है। मार्च की शुरुआत में वह मुंबई से कोलकाता हत्या के लिए ही लाया गया था। बाद में उसे अजीम के शव को ठिकाने लगाने का भी काम सौंपा गया। इससे पहले वह चिनार पार्क के अटघारा में एक फ्लैट में रह रहा था। हत्या करने से पहले ढाई महीने करीब वो वहीं था।
इसके बाद न्यू टाउन स्थित फ्लैट में हत्या को अंजाम दिया गया। वह फ्लैट राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के सहायक आयुक्त का था जिसे हत्या के मास्टरमाइंड अख्तरुज्जमान ने 1 लाख रुपए प्रति माह किराए पर लिया था। अपार्टमेंट में रसोई में सीसीटीवी लगा था लेकिन हत्या से छह दिन पहले 7 मई को इसे काले कपड़े से ढक दिया गया। बाद में अजीम को फ्लैट में आने के लिए उकसाया गया और यहाँ पहुँचने पर उसकी हत्या कर दी गई।
कैमरे में महिला को खाना बनाते और कुछ अन्य पुरुषों को बर्तन धोते रिकॉर्ड किया गया था। इसके बाद कचरा फेंकने की भी कुछ तस्वीरें मीडिया में आई थी। छानबीन में पुलिस को इस फ्लैट से प्लास्टिक बैग, टिशू पेपर, दस्ताने और आरोपित महिला के नाम का बोर्डिंग पास भी बरामद हुआ था। पुलिस ने बताया कि हत्या के बाद आरोपितों ने सबूत मिटाने के लिए एडिस का प्रयोग किया था लेकिन कई जगह धब्बे रह गए।
गौरतलब है कि 12 मई को बांग्लादेशी सांसद भारत आए थे। यहाँ वह शिलांती रहमान के हनीट्रैप में फँसकर कोलकाता में अपने दोस्त के फ्लैट तक गए। फ्लैट में चार लोगों ने मिलकर उनकी हत्या की और बाद में शव जगह-जगह फेंक दिए गए। 8 दिन बाद जब इस हत्या का खुलासा हुआ तो पता चला कि इसके पीछे अजीम के बचपन के दोस्त का हाथ था। दोनों मिलकर सोने तस्करी का काम करते थे। बाद में अजीम ने ज्यादा टका अपने पास रखने की बात कही तो अनबन हो गई।
एक डील में धोखाध़ड़ी के बाद शाहीन मियाँ उर्फ अख्तरुज्जमांन ने हत्या की साजिश रची और मई में घटना को अंजाम दिलाया गया। पहले खबर आई थी कि इस काम में शाहीन ने आरोपितों को 5 करोड़ दिए, लेकिन कसाई ने खुलासा किया है कि उसे सिर्फ 5 हजार रुपए मिले हैं।