कर्नाटक के बेंगलुरु में 61 वर्षीय मकान मालकिन की भीषण हत्या के मामले में शुक्रवार (फरवरी 5, 2021) को वीवी पुरम पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़िता की पहचान राजेश्वरी के रूप में हुई है। कोरमंगला की निवासी राजेश्वरी गुरुवार (फरवरी 4, 2021) सुबह 10:30 बजे किराएदारों अलीम पाशा (26) और उसके भाई जीलन (20) से किराया लेने के लिए पार्वतीपुरा गईं थी। पाशा ने पिछले साल मार्च से किराया नहीं दिया था। जब भी राजेश्वरी पैसे माँगती, तो वह कहता था कि लॉकडाउन के कारण उसका कैटरिंग बिजनेस अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
मकान मालकिन ने पहले उसके 3 महीने के किराए को माफ कर दिया था और उसे बाकी का 35000 किराए का भुगतान करने के लिए कहा। घटना वाले दिन, राजेश्वरी, पाशा के पास गई और भुगतान न करने पर उसे घर खाली करने के लिए कहा। तभी पाशा एक रॉड लेकर आया और उसके सिर एवं गर्दन पर वार किया। इस चोट की वजह से राजेश्वरी तुरंत बेहोश हो गई और फिर मौके पर ही उनकी मौत हो गई। उनका शरीर ठंडा और पीला पड़ गया। जब पाशा ने अपने चाचा इब्राहिम और दादी अशरफुन्निसा को पुलिस को आत्मसमर्पण करने की अपनी योजना के बारे में बताया, तो दोनों ने इसके खिलाफ सलाह दी।
इब्राहिम ने अलीम पाशा, जीलन और अशरफुन्निसा के साथ मिलकर शव को पॉलीथीन और बेडशीट में लपेट दिया। इसके बाद तिरपाल से ढक जीलन के ऑटो की पैसेंजर सीट पर रख दिया। इब्राहिम और जीलन शव को ऑटो से कुंभलगोडु तक ले गए। इस दौरान पाशा अपनी बाइक से ऑटो के पीछे चलता रहा। पाशा को मैरीगोल्ड इंटरनेशनल स्कूल के पास एक नाला दिखा। तीनों ने नाले में शव फेंक दिया और पेट्रोल डालकर उसमें आग लगा दी। शव को ठिकाने लगाने के लिए जाते समय उन्होंने रास्ते में पेट्रोल खरीदा था।
पीड़िता के बेटे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई
अपराध के सबूतों को नष्ट करने के बाद आरोपित घर लौट आए, स्नान किया और खून का दाग साफ किया। यह मामला तब सामने आया जब पीड़िता के बेटे डॉ. दीपक एमआर ने पुलिस में शिकायत दर्ज की।
जब राजेश्वरी घर नहीं लौटी और उनका फोन बंद आया, तो उसने अपनी माँ के बारे में जानने के लिए रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों से संपर्क किया। पीड़िता ने अपने बेटे से कहा था कि वह पाशा से किराया लेने जा रही है। दीपक गुरुवार की रात लगभग 11 बजे, पाशा के घर गया और अपनी माँ के बारे में पूछताछ की। पाशा ने दावा किया कि उससे किराया वसूलने के बाद राजेश्वरी उसके घर से चली गईं थी।
अगली सुबह, दीपक फिर से अपनी पत्नी ममता के साथ आरोपित के घर गया और जोर देकर कहा कि वह कमरों की जाँच करना चाहता है। हालॉंकि पाशा ने दावा किया कि कमरों से एक में ‘छिड़काव’ किया गया है, इसलिए अंदर अभी नहीं जाया जा सकता। अन्य किराएदारों से पूछताछ करने पर पता चला कि पाशा और उसके परिवार के सदस्यों को उन्होंने एक ऑटो-रिक्शा में तिरपाल से ढके बंडल को ले जाते हुए देखा था।
अन्य किराएदारों की बात से दीपक चौकन्ना हो गया और उसने तुरंत वीवी पुरम पुलिस के पास एक गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जाँच शुरू की, राजेश्वरी के कॉल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया और पाया कि उसका फोन पार्वतीपुरा के एमवी लेन में बंद था। किराएदारों से पूछताछ करने और सीसीटीवी फुटेज की पुष्टि करने पर, पुलिस ने पाशा, जीलन और अशरफुन्निसा को हिरासत में लिया।
24 घंटे के भीतर मामले को सफलतापूर्वक हल करने के बाद, पुलिस ने सूचित किया, “हमने अलीम पाशा, जीलन और अशरफुन्निसा को पकड़ा, जिन्होंने अपराध स्वीकार किया। अभी हमें इब्राहिम को गिरफ्तार करना बाकी है। उन पर हत्या और सबूत मिटाने का मामला दर्ज किया गया है।”