गुजरात आतंक निरोधी दस्ता (ATS) ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले ‘सीमा सुरक्षा बल (BSF)’ के जवान मोहम्मद सज्जाद को गिरफ्तार किया है। वो गुजरात के भुज बटालियन में तैनात था। सोमवार (25 अक्टूबर, 2021) को ATS ने जानकारी दी कि मोहम्मद सज्जाद व्हाट्सएप्प के माध्यम से पाकिस्तान को गुप्त व संवेदनशील सूचनाएँ मुहैया करा रहा था। वो जम्मू कश्मीर के राजौरी जिला स्थित सारोला गाँव का रहने वाला है।
उसे जुलाई 2020 में 74 BSF भुज बटालियन में तैनात किया गया था। उसे भुज स्थित BSF मुख्यालय से दबोचा गया। मोहम्मद सज्जाद ने 2012 में ही बतौर कॉस्टेबल BSF में ज्वाइन किया था। पाकिस्तान को गुप्त व संवेदनशील सूचनाएँ मुहैया कराने के बदले उसे वहाँ से मोटी रकम मिल रही थी। इन रुपयों को वो अपने भाई वाजिद और साथी इकबाल राशिद के बैंक खातों में ट्रांसफर करवाता था।
जम्मू के ‘रीजनल पासपोर्ट ऑफिस’ से उसका पासपोर्ट बना था। इसी पासपोर्ट पर वो 1 दिसंबर, 2011 और 16 जनवरी 2012 के बीच 46 दिनों के लिए पाकिस्तान की यात्रा पर गया था। अटारी रेलवे स्टेशन से समझौता एक्सप्रेस से वो पाकिस्तान गया था। मोहम्मद सज्जाद दो मोबाइल फोन का प्रयोग करता था। इसमें से एक सिम कार्ड उसने अंतिम बार इसी साल 14-15 जनवरी को एक्टिवेट कराया था। ATS ने उसके कॉल डेटा रिकॉर्ड (CDR) निकाली है।
पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में BSF जवान मोहम्मद सज्जाद गिरफ्तार !! pic.twitter.com/8XmQVBGMxX
— Piyush Tiwari (@PiyushTiwariNew) October 25, 2021
ये सिम कार्ड त्रिपुरा के सत्यगोपाल दास के नाम पर पंजीकृत है। उसे पहले 7 नवंबर, 2021 को एक्टिवेट कराया गया था। मोहम्मद सज्जाद को इस नंबर पर दो फोन कॉल्स आए थे। 9 नवंबर, 2020 को इस सिम को निष्क्रिय कर दिया गया और 26 दिसंबर को फिर से सक्रिय किया गया। 15 जनवरी, 2021 को इसे फिर चालू किया गया, जब इस पर एक SMS आया। ये व्हाट्सएप्प का ओटीपी था। उस सिम को इसने फिर से निष्क्रिय कर दिया।
पता चला है कि इस नंबर से एक व्हाट्सएप्प अकाउंट सक्रिय था, जो पाकिस्तान में प्रयोग किया जा रहा था। उसी व्यक्ति से BSF का जवान मोहम्मद सज्जाद संपर्क में था। उसने गलत जन्म तिथि बता कर BSF को भी गुमराह किया है। आधार कार्ड में उसकी जन्मतिथि 1 जनवरी, 1992 है, जबकि पासपोर्ट में ये 30 जनवरी, 1985 है। उसके पास से 2 मोबाइल फोन, 4 सिम कार्ड बरामद हुए हैं। जाँच अभी जारी है।