केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने INX मीडिया से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में 4 सेवानिवृत्त नौकरशाहों के ख़िलाफ़ अभियोग चलाने के लिए प्रथम दृष्टया मामले को मंजूरी दी है। इसमें NITI Aayog की पूर्व सीईओ सिंधुश्री खुल्लर और पूर्व MSME सचिव अनूप पुजारी भी शामिल हैं, जिन्होंने वित्त मंत्रालय में पी चिदंबरम के अधीन आर्थिक विभाग में काम किया था। बता दें इस मामले में पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर भी रिश्वत लेने का आरोप है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार सूत्रों ने बताया है कि डीईए, सीबीआई और डीओपीटी ने सीवीसी से राय मांगी थी जिसके आधार पर सीवीसी ने इन चारों पूर्व अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। जिसमें हिमाचल प्रदेश सरकार में वर्तमान प्रमुख सचिव प्रबोध सक्सेना और डीईए के पूर्व अवर सचिव रबिन्द्र प्रसाद का भी नाम है।
CVC finds prima facie case for prosecuting former NITI Aayog CEO Sindhushree Khullar, ex-MSME secretary Anup K Pujari (both retired) & two others who served in deptt of economic affairs under P Chidambaram, for alleged corruption in INX Media case. Gives nod to DoPT for same https://t.co/jEksFDQvlo
— Bharti Jain (@bhartijainTOI) June 20, 2019
जाँच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सीवीसी ने आईएनएक्स मीडिया के एफडीआई प्रस्ताव को एफआईपीबी को मंजूरी देने में चार सेवानिवृत्त/सेवारत अधिकारियों की कथित भूमिका की जाँच करने के लिए सीबीआई को मंजूरी दे दी है, लेकिन एफआईपीबी विनियमों के अनुसार आईएनएक्स न्यूज प्राइवेट लिमिटेड में 26% “डाउनस्ट्रीम निवेश” को मंजूरी नहीं दी है।
खबरों के अनुसार इस मामले में अधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने चिदंबरम के साथ मिलकर आईएनएक्स मीडिया को अवैध रूप से एफआईपीबी मंजूरी दी थी। उस दौरान ये अधिकारी उस समय पी चिदंबरम के अधीन आर्थिक कार्य विभाग में काम कर रहे थे। खुल्लर उस समय आर्थिक मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव थीं और इससे पहले वह चिदंबरम की ओएसडी भी रह चुकी हैं। वहीं इस दौरान पुजारी संयुक्त सचिव थे और सक्सेना वित्त मंत्रालय में निदेशक थे।