रट लें जनगणना में पूछे जाएँगे ये 31 सवाल, कोई 32वां गिनाए तो पत्थर ले सड़क पर न करें ‘छपाक’

जनगणना में पूछे जाएँगे 31 सवाल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर (NPR) को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद से विपक्ष उसी तरह अफवाह फैलाने में जुटा है, जैसा उसने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) को लेकर किया। वह NPR को भी NRC से जोड़कर पेश कर रहा है, जबकि तथ्य यह है नागरिकता कानून 1955 और नागरिकता नियम 2003 के तहत NPR पहली बार 2010 में तैयार किया गया था। आधार से जोड़े जाने के बाद 2015 में इसे अपडेट किया गया था।

अब एक अप्रैल से शुरू हो रहे जनगणना को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। जनगणना आयुक्त की ओर से जारी इस अधिसूचना में यह भी बताया गया है कि इस दौरान आपसे कौन से सवाल पूछे जाएँगे। कुल 31 सवाल पूछे जाएँगे जो हैं,

1. बिल्डिंग नंबर (म्यूनिसिपल या स्थानीय अथॉरिटी नंबर)
2. सेंसस हाउस नंबर
3. मकान की छत, दीवार और सीलिंग में मुख्य रूप से इस्तेमाल हुआ मटीरियल
4. मकान के इस्तेमाल का उद्देश्य क्या है
5. मकान की स्थिति
6. मकान का नंबर
7. घर में रहने वाले लोगों की संख्या
8. घर के मुखिया का नाम
9. मुखिया का लिंग
10. घर का मुखिया SC/ST या अन्य समुदाय से ताल्लुक रखते हैं
11. मकान का ओनरशिप स्टेटस
12. मकान में मौजूद कमरे
13. घर में कितने शादीशुदा जोड़े रहते हैं
14. पीने के पानी का मुख्य स्नोत
15. घर में पानी के स्नोत की उपलब्धता
16. बिजली का मुख्य स्नोत
17. शौचालय है या नहीं
18. किस प्रकार के शौचालय हैं
19. गंदे पानी की निकासी है या नहीं
20. वॉशरूम है या नहीं
21. रसोई घर है या नहीं, इसमें एलपीजी/पीएनजी कनेक्शन है या नहीं
22. रसोई के लिए इस्तेमाल होने वाला ईंधन
23. रेडियो/ट्रांजिस्टर
24. टेलीविजन
25. इंटरनेट की सुविधा है या नहीं
26. लैपटॉप/कंप्यूटर है या नहीं
27. टेलीफोन/मोबाइल फोन/स्मार्टफोन
28. साइकिल/स्कूटर/मोटर साइकिल/मोपेड
29. कार/जीप/वैन
30. घर में किस अनाज का मुख्य रूप से उपभोग होता है
31. मोबाइल नंबर

https://twitter.com/CensusIndia2021/status/1215536852293152769?ref_src=twsrc%5Etfw

अधिसूचना में साफ शब्दों में कहा गया है कि जनगणना अधिकारियों को देश में एक अप्रैल से 30 सितंबर तक चलने वाली गृह सूचीकरण और गृह जनगणना की कवायद के दौरान हर परिवार से जानकारी हासिल करने के लिए 31 प्रश्न पूछने के निर्देश दिए गए हैं। मोबाइल नंबर सिर्फ जनगणना के मकसद से ही पूछा जाएगा और उसका इस्तेमाल किसी और प्रयोजन के लिए नहीं किया जाएगा। यह जनगणना पारंपरिक पेन और पेपर के बजाए मोबाइल फोन एप्लीकेशन के जरिए होगी। इस कवायद के साथ ही राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का काम भी चलता रहेगा, क्योंकि केंद्र सरकार ने इसे सितंबर 2020 तक तैयार करने का फैसला किया है।

जनगणना की संदर्भ तिथि एक मार्च, 2021 होगी, लेकिन पर्वतीय राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए यह तिथि एक अक्टूबर, 2020 रहेगी।

इसी के साथ जनगणना के दौरान जुटाई जानी वाली जानकारियों को लेकर आधिकारिक रूप से तस्वीर साफ हो गई है। सरकार पहले भी कह चुकी है कि इन जानकारियों का मकसद लोककल्याण की योजनाओं का बेहतर तरीके से खाका खींचना है। इस अधिसूचना से इससे जुड़ी तमाम अफवाहों पर भी विराम लग गया है। एनआरसी और सीएए पर विपक्ष के अफवाह के कारण देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। समुदाय विशेष के लोगों ने विरोध के नाम पर जमकर पत्थरबाजी और आगजनी की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया