CBI को अपनी जाँच में ICICI बैंक की पूर्व सीईओ व मैंनेजिंग डायरेक्टर चंदा कोचर के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत मिले हैं। ख़बरों के अनुसार सीबीआई ने जाँच के बाद इस बात को स्पष्ट किया है कि वीडियोकोन कंपनी से चंदा कोचर ने घूस की रकम अपने पति दीपक कोचर की मदद से ली है।
सीबीआई के मुताबिक बैंक के उच्च पद पर होने का गलत फ़ायदा उठाते हुए चंदा कोचर ने वीडियोकोन ग्रुप के लिए जून 2009 से अक्टूबर 2011 के बीच कुल छ: लोन को अप्रूव किया था। सीबाआई ने जाँच में यह भी पाया कि इन छ: में से एक ₹300 करोड़ का लोन वीडियोकोन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स (VIEL) लिमिटेड के नाम से अप्रूव किया गया था।
सीबीआई ने अपनी जाँच में पाया कि VIEL को लोन पास करने के बदले कोचर ने घूस लिया था। 26 अगस्त 2009 को जब VIEL के नाम पर यह लोन इश्यू किया गया था, तब बैंक द्वारा लोन अप्रूव करने वाली टीम में चंदा कोचर भी शामिल थी।
यही नहीं लोन की रकम VIEL कंपनी के खाते में बैंक द्वारा 7 सितम्बर को ट्रांसफर कर दिया गया। इसके अगले ही दिन VIEL कंपनी के चेयरमैन वेनुगोपाल धूत ने दीपक कोचर के कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल लिमिटेड के बैंक अकाउंट में ₹64 करोड़ ट्रांसफ़र किया। इस तरह सीबीआई ने बताया कि चंदा कोचर व उनके पति ने मिलकर अपने लाभ के लिए गैर-कानूनी तरह से लोन अप्रूव कर दिया।
चंदा कोचर 2016 में फ़ोर्ब्स पत्रिका की ‘एशिया की 10 सबसे शक्तिशाली बिज़नेस-वूमन’ की लिस्ट में शामिल रही थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक नई कम्पनी बना कर फर्जीवाड़ा किया। उनके पति दीपक कोचर ने वीडियोकॉन समूह के मालिक वेणुगोपाल धूत के साथ मिलकर दिसंबर 2008 में एक कंपनी बनाई थी।
बाद में इस कंपनी को दीपक कोचर के ट्रस्ट को सौंप दिया गया था। वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक ने ₹3,250 करोड़ का लोन दिया था, जिसके कुछ महीनों बाद दीपक कोचर के हाथ में नई कम्पनी की कमान दे दी गई थी। इन लोन की कुल 86% राशि (₹2,810 करोड़) जमा नहीं कराई गई, जिसे NPA घोषित कर दिया गया। CBI इस मामले की जाँच कर रही है।