ताहिर हुसैन के गुंडे आए, लूटी अमन ई-रिक्शा वर्कशॉप, कर दिया पूरी दुकान खाक, 30 लाख का नुकसान: ग्राउंड रिपोर्ट

अमन रिक्शा कम्पनी जिसे ताहिर हुसैन के लोगों ने लूटा और आग लगा दी

राजधानी दिल्ली में बीते दिनों हुए हिन्दू विरोधी दंगों में ताहिर हुसैन और उसकी बिल्डिंग की भूमिका रह-रह कर सामने आ जाती है। हिन्दू विरोधी दंगों की ग्राउंड रिपोर्टिंग करने गए हमारे रिपोर्टर ने उस अमन ई-रिक्शा कम्पनी के मालिक से भी बात की जो आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन की बिल्डिंग के ठीक 3-4 मकान बाद मौजूद थी। हिन्दुओं की इस दुकान, अमन ई-रिक्शा कम्पनी को पहले ताहिर हुसैन के लोगों ने लूटा और फिर उसमें आग लगा दी।

अमन ई-रिक्शा वर्कशॉप -1

इसके मालिक ने ऑपइंडिया को बताया कि आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के यहाँ से एक दंगाइयों की भीड़ आई और उसने पहले जो कुछ लूटने लायक था उसको लूटा, उसके बाद दुकान को फूँक दिया। इस अमन रिक्शा कम्पनी के मालिक ने ऑपइंडिया को यह भी बताया कि उनकी रिक्शा कम्पनी में उस समय उनका गार्ड मौजूद था जिसने ताहिर हुसैन बिल्डिंग से आने वाली दंगाई भीड़ को दुकान फूँकने से मना भी किया पर ताहिर हुसैन के लोग नहीं माने।

अमन ई-रिक्शा कम्पनी के मालिक ने इस आगजनी और लूटमार के कारण 25-30 लाख रूपए का नुक़सान होने की बात बताई।


अमन ई-रिक्शा वर्कशॉप -2

अमन ई-रिक्शा कम्पनी के मालिक मालिक ने आगे ऑपइंडिया को बताया कि ताहिर हुसैन की बिल्डिंग की छत पर 500-600 की भीड़ मौजूद थी, जहाँ से गोलियाँ भी चल रही थीं। हमारी ग्राउंड रिपोर्ट के वीडियो में फूँकी गई दुकान के भीतर इधर-उधर बिखरी पड़ी पेट्रोल बम की खाली बोतलों को देखा जा सकता है।


अमन ई-रिक्शा वर्कशॉप -3

देखें पूरी रिपोर्ट का वीडियो:

याद रहे कि इस हिन्दू विरोधी दिल्ली के दंगों में जिस तरह बर्बरता पूर्वक तरीके से हिन्दुओं को मारा गया, वह न कभी देखा गया न कभी सुना, कम से कम भारत में। आईबी के अंकित शर्मा को 4-6 घंटों तक 400 बार चाकुओं-तलवारों से गोदा गया तो वहीं दिलबर नेगी के हाथ पैर काट जलती दुकान में फेंक दिया गया। यह हिन्दू विरोधी दंगा न केवल बर्बरता के मामले में अभूतपूर्व था साथ ही इसकी प्लानिंग भी बेहद सुनियोजित थी जिसमें महीनों लगे होंगे। दुकानों के शटरों पर NO CAA NO NRC लिखकर उन्हें अलग से चिन्हांकित करना, छतों पर बोरियों में भर-भर पत्थर एकत्र करना, पेट्रोल और तेज़ाब की भारी मात्रा में मौजूदगी, सीरिया की तर्ज पर गुलेल वगैरह का इस्तेमाल, आदि.. इस दंगे को अलग तरह से परिभाषित करने की माँग करते हैं।

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रवि अग्रहरि: अपने बारे में का बताएँ गुरु, बस बनारसी हूँ, इसी में महादेव की कृपा है! बाकी राजनीति, कला, इतिहास, संस्कृति, फ़िल्म, मनोविज्ञान से लेकर ज्ञान-विज्ञान की किसी भी नामचीन परम्परा का विशेषज्ञ नहीं हूँ!