चांदनी चौक के दुर्गा मंदिर में तोड़-फोड़ : गिरफ़्तार किए गए 10 लोगों में 5 नाबालिग

दुर्गा मंदिर में तोड़-फोड़ करने के आरोप में 10 गिरफ़्तार

दिल्ली के चांदनी चौक इलाक़े के हौज़ क़ाज़ी स्तिथ दुर्गा मंदिर में बुधवार (3 जुलाई 2019) की रात तोड़-फोड़ के मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ़्तार किया है। इनमें से पाँच नाबालिग हैं।

https://twitter.com/ANI/status/1146745682700713986?ref_src=twsrc%5Etfw

शुरुआत में 9 लोगों की गिरफ़्तारी की खबर आई थी। इनमें से दो की पहचान मोहम्मद ज़ुबैर और मोहम्मद अनस के रूप में हुई है। एएनआई के मुताबिक नौ आरोपियों को पुलिस ने गुरुवार को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया। पाँचों नाबालिगों को अदालत ने जूवेनाइल ऑब्ज़र्वेशन होम और चार अन्य को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

https://twitter.com/ANI/status/1146746673936441344?ref_src=twsrc%5Etfw

30 जून, 2019 की रात को चांदनी चौक इलाक़े के लाल कुआँ में 300-400 लोगों की भीड़ ने दुर्गा माता मंदिर में धावा बोला और मूर्तियों को खंडित कर दिया। स्थानीय लोगों ने मंदिर में तोड़-फोड़ के वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए। इन वीडियो में साफ़ तौर पर देखा जा सकता था कि इस्लामी भीड़ ने मंदिर में प्रवेश कर तोड़-फोड़ की और पड़ोस में रहने वाले हिंदुओं को पीटा।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि विवाद की शुरुआत पार्किंग को लेकर हुए झगड़े से हुई। पार्किंग को लेकर बहस गरम होने पर कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। बाद में रात में इस्लामी भीड़ ने मंदिर में घुसकर तोड़-फोड़ की। पुलिस ने पुष्टि की हैं कि इलाक़े के कुछ युवकों ने ही मंदिर पर हमला किया था।

केंद्रीय मंत्री और चांदनी चौक के सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने उपद्रव के बाद घटनास्थल का दौरा किया। घटना कि कड़ी निंदा करते हुए शांति का आह्वान किया। उन्होंने दिल्ली पुलिस को उपद्रवियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए थे।

स्थानीय लोगों का दावा है कि AAP विधायक इमरान हुसैन ने मंदिर में तोड़-फोड़ करने वाली भीड़ का समर्थन किया था। उनका दावा है कि उन्होंने हिंसा को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने भी इमरान हुसैन पर हमलों में शामिल होने का आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा है, “मंदिर पर हमले में इमरान हुसैन का शामिल होना कई सवाल खड़े करता है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया