ना उम्र की सीमा हो, ना जन्म का हो बंधन। इस सुन्दर ग़ज़ल में शायद सही कहा गया है कि प्यार करने की कोई उम्र और सीमा नहीं होती है। शुक्रवार (मार्च 08, 2019) को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के एक अधेड़ सौतेले पिता तस्लीम अहमद द्वारा तलाकशुदा सौतेली बेटी (तबस्सुम) से शादी करने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। जसपुर पुलिस से इस बारे में शिकायत करने वाली महिला ठाकुरद्वारा की निवासी आरोपित की पत्नी है।
जसपुर (उत्तराखंड, जिला उधम सिंह नगर) के एक गाँव निवासी तस्लीम अहमद ने अपनी पत्नी की मौत होने के बाद क्षेत्र के एक गाँव की विधवा महिला से निकाह किया था। महिला के साथ उसकी एक बालिग बेटी (तबस्सुम) भी साथ आई थी। कुछ समय बाद महिला ने अपनी बेटी की शादी मुरादाबाद के पाकबड़ा में कर दी। लेकिन पति से कहा सुनी होने पर उसे (तबस्सुम को) उसके पति ने तलाक दे दिया।
तब से वह अपनी माँ के साथ मायके में रह रही थी। युवती की माँ का आरोप है कि इस बीच 22 वर्षीय युवती को उसके 45 वर्षीय सौतेले पिता ने अपने प्रेम जाल में फाँस लिया। तस्लीम ने कुछ दिन पहले सौतेली बेटी को अन्य स्थान पर ले जाकर उलेमा को गुमराह कर युवती से निकाह कर लिया। जिसकी जानकारी युवती (तबस्सुम) की माँ को लगी तो उसने हंगामा शुरू कर दिया। जिस पर उसके पति ने महिला को तलाक दे दिया और पत्नी की जगह अपनी सौतेली बेटी को ही साथ रखने की बात कही।
इस पर सौतेली बेटी की माँ ने जसपुर कोतवाली में प्रार्थना पत्र देकर आरोपित पति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की माँग की। लेकिन पुलिस ने दोनों पक्षों को यह कहकर शांत कर घर भेज दिया कि मामला आपस में मिलकर सुलझा लें।
उधर जसपुर की चाँद मस्जिद के इमाम शाकिर हुसैन का कहना है कि सौतेली बेटी से निकाह करना शरियत के हिसाब से हराम है। मुस्लिम समुदाय के लोगों को ऐसे लोगों का बहिष्कार करना चाहिए। यह घटना क्षेत्र में भी चर्चा का विषय बनी हुई है।