प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार (जून 26, 2021) को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख के दो करीबी सहयोगियों को 100 करोड़ रुपए की रंगदारी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया।
https://twitter.com/ANI/status/1408670615595225088?ref_src=twsrc%5Etfwरिपोर्ट्स के मुताबिक, दो सहयोगियों- संजीव पलांडे, देशमुख के निजी सचिव और निजी सहायक कुंदन शिंदे को लगभग नौ घंटे की गहन पूछताछ के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था।
https://twitter.com/ANI/status/1408678002481778691?ref_src=twsrc%5Etfwप्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि दो लोगों को गिरफ्तार किया गया क्योंकि वे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अनिल देशमुख के खिलाफ चल रही जाँच में जाँच एजेंसी के साथ सहयोग करने में विफल रहे। केंद्रीय जाँच एजेंसी द्वारा शुक्रवार (जून 25, 2021) को नागपुर और मुंबई में अनिल देशमुख के आवास पर छापेमारी के बाद गिरफ्तारियाँ हुईं। ईडी के मुताबिक पाँच जगहों पर छापेमारी की गई। कथित तौर पर, अधिकारियों ने देशमुख के कार्यालयों, एक मुंबई में और दूसरा नागपुर में छापा मारा था।
ED ने 4 करोड़ रुपए की रंगदारी का पता लगाकर छापेमारी की
ईडी के करीब आठ अधिकारी शुक्रवार शाम 7.30 बजे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों की एक टीम के साथ देशमुख के आवास पर पहुँचे और तलाशी शुरू की। ईडी अधिकारियों ने अपनी तलाशी जारी रखते हुए किसी को भी आवास में प्रवेश करने या बाहर निकलने से रोक दिया।
ईडी ने मुंबई में लगभग 10 बार मालिकों द्वारा तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख को तीन महीने में कथित रूप से भुगतान किए गए 4 करोड़ रुपए की मनी ट्रेल स्थापित करने के बाद अनिल देशमुख के आवास पर छापा मारा था। नए सबूतों के आधार पर, ईडी ने देशमुख के आवास और उनके निजी सहायक कुंदन शिंदे और निजी सचिव संजीव पलांडे के परिसरों सहित इन स्थानों पर तलाशी ली थी।
इससे पहले 11 मई को प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा एनसीपी नेता के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए 100 करोड़ रुपए के रिश्वत के आरोपों की सीबीआई जाँच के आदेश के बाद अनिल देशमुख ने अप्रैल में महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।