प्रयागराज के अटाला क्षेत्र में 10 जून, 2022 को हुई हिंसा में आरोपित फ़ज़ल खान को इलाहबाद हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। फ़ज़ल खान समाजवादी पार्टी से पार्षद भी है। घटना के बाद से वो फरार चल रहा था, जिसकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी। फ़ज़ल खान मस्जिद से निकली उस भीड़ को भड़काने में आरोपित है, जिसने पुलिसकर्मियों पर हमला किया था और शहर में हिंसा फैलाई थी। फ़ज़ल को यह अग्रिम जमानत शनिवार (22 अक्टूबर, 2022) को मिली है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ़ज़ल खान पर प्रयागराज पुलिस ने कुल 3 केस दर्ज किए हैं, जिसमें से उसे 2 केसों में अग्रिम जमानत मिली है। हाईकोर्ट ने फ़ज़ल खान के मामले में प्रदेश सरकार से जवाब भी तलब किया है। उस पर आगजनी और पत्थरबाजी का भी आरोप है।
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— Zee Uttar Pradesh Uttarakhand (@ZEEUPUK) October 22, 2022
सपा पार्षद फजल खान को बड़ी राहत
हाईकोर्ट ने मंजूर की अग्रिम जमानत
10 जून को हुई अटाला हिंसा का आरोपी है फजल
केस दर्ज होने के बाद से ही चल रहा था फरार@samajwadiparty @prayagraj_pol pic.twitter.com/krVIPYYc6K
मुख्य आरोपित जावेद पंप ने रासुका को दी चुनौती
इससे पहले अटाला हिंसा के मुख्य आरोपित जावेद पम्प ने पिछले सप्ताह 15 अक्टूबर को हाईकोर्ट में खुद पर हुई रासुका (NSA) की कार्रवाई को इलाहबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में जावेद ने खुद पर लगे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को नियम विरुद्ध बताया है। जावेद की इस याचिका के बाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर के जवाब के लिए 2 सप्ताह का समय दिया है। इस याचिका पर सुनवाई 5 हफ्ते बाद होगी।
हिंसा के बाद से फरार इश्तियाक भी गिरफ्तार
अटाला हिंसा के बाद से अब तक फरार चल रहे आरोपितों की धर-पकड़ में जुटी पुलिस ने एक अन्य आरोपित इश्तियाक को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। इश्तियाक का नाम ‘भैया’ भी है। पुलिस के मुताबिक, वह अटाला हिंसा में सक्रिय रूप से शामिल था जिस पर तमाम धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था। पुलिस ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि 19 अक्टूबर, 2022 को की है।
थाना खुल्दाबाद पुलिस द्वारा अटाला हिंसा से सम्बन्धित अभियोग में वांछित अभियुक्त गिरफ्तार#UPPolice pic.twitter.com/n059uVFGBu
— PRAYAGRAJ POLICE (@prayagraj_pol) October 19, 2022
गौरतलब है कि प्रयागराज के करेली क्षेत्र में आने वाले अटाला में जुमे की नमाज़ के बाद 10 जून, 2022 को हिंसा भड़क गई थी। हिंसक भीड़ को नूपुर शर्मा के विरोध के नाम पर जुटाया गया था। बाद में भीड़ ने पुलिस बल पर हमला बोल दिया था जिसमें कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं थीं। इस घटना के बाद पुलिस ने कुल 95 नामजद और 5400 अज्ञात उपद्रवियों पर केस दर्ज किया था।