महिला डॉक्टर पर गंदे कॉमेंट्स… गेट तोड़ कर हमला की कोशिश: तबलीगी कोरोना मरीजों का दिल्ली में हंगामा

लोकनायक अस्पताल

दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए गई महिला डॉक्टर के साथ मरीज ने अभद्रता की और जब एक पुरूष डॉक्टर उन्हें बचाने वहाँ पहुँचा तो मरीजों ने उन पर भी हमला कर दिया। स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने खुद को ड्यूटी रूम में छिपाया। बाद में उन्होंने इसकी जानकारी सुरक्षाकर्मियों को दी, मगर उनकी गुहार किसी ने नहीं सुनी।

ऑपइंडिया ने जब लोकनायक अस्पताल में कॉल कर इस घटना से संबंधित जानकारी जुटाई तो मरीजों के तबलीगी जमात से जुड़े होने की बात सामने आई। कोरोना संक्रमण के बीच हर स्वास्थ्यकर्मी अपना घर-परिवार सब छोड़कर मरीजों की सेवा में जुझारू रूप से जुटा है। ऐसे में उनके साथ होती अभद्रता बिलकुल भी बर्दाश्त योग्य नहीं है। पिछले दिनों गाजियाबाद समेत कई इलाकों से महिला स्वास्थ्यकर्मियों के साथ हुई बदसलूकी की खबरें आईं और अब मामला राष्ट्रीय राजधानी का है।

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समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा शेयर की गई जानकारी के अनुसार, इस घटना के संबंध में डॉक्टरों ने लोकनायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर को भी पत्र लिखा। जिसमें पूरी घटना का जिक्र करते हुए सिक्यॉरिटी की कमी पर ध्यान आकर्षित कराया गया। पत्र में बताया गया कि कल यानी 14 अप्रैल को सर्जिकल ब्लॉक के वार्ड नंबर 5a में शाम 5:20 पर एक मरीज ने महिला डॉक्टर पर फब्तियाँ कसनी शुरू की और उन पर अभद्र टिप्पणी करने लगा। तभी उनके साथी डॉक्टर ने जब इस पर आपत्ति जताई, तो मरीज इकट्ठा हो गए और डॉक्टरों को धमकाने लगे। ऐसे में जब डॉक्टरों ने खुद को बचाने के लिए ड्यूटी रूम में बंद कर लिया तो मरीजों की भीड़ गेट खुलवाने के लिए उसे तोड़ने पर आतुर हो गई।

इसके बाद इस पत्र में सुरक्षा अभाव पर प्रकाश डालते हुए इस घटना से संबंधित कुछ वाकये बताए गए। उन्होंने लिखा कि ऐसी स्थिति में फँसने के बाद दोनों डॉक्टरों ने दो फ्लोर इंचार्ज को संपर्क किया। मगर, उनका फोन नहीं लगा। ऐसे में उन्हें व्हॉट्सअप से सूचित किया गया। लेकिन घटना जानने के बाद भी वो खुद वहाँ नहीं आए और न ही सुरक्षाकर्मियों को भेजा। उनका कहना है कि फ्लोर इंचार्ज ने उनके कॉल की अनदेखी की और मुश्किल में फँसे डॉक्टर्स को वहीं फँसे रहने दिया। इसके अलावा सीएमओ ने भी उनकी कॉल नहीं उठाई। कुछ सिक्यॉरिटी अधिकारियों ने भी डॉक्टरों का साथ नहीं दिया। सुरक्षा गार्डों ने भी सिक्यॉरिटी अलार्म सुनने के बाद प्रतिक्रिया नहीं दी। वहीं मार्शल व गार्ड्स भी सुरक्षा उपकरण न होने के कारण वार्ड में आने से इंकार कर दिया।

पत्र के माध्यम से शिकायत करते हुए डॉक्टरों ने सभी स्थिति को साफ करते हुए पूछा है कि अगर इस बीच उन्हें कुछ हो जाता, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होता। पत्र में डॉक्टरों ने आरोपित मरीजों पर फौरन एफआईआर की माँग की है। इसके अलावा हथियारों सहित पुलिसकर्मियों की तैनाती की गुहार भी लगाई है। डॉक्टरों ने कैज्युएलटी में तैनात सुरक्षाकर्मियों को निलंबित करने का मुद्दा उठाया है और घटना के समय सर्जिकल वार्ड के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों के ख़िलाफ़ एक्शन लेने को कहा है। इसके अतिरिक्त दोनों फ्लोर इंचार्ज समेत ड्यूटी पर तैनात सीएमओ से स्पष्टीकरण की माँग की है।

बता दें कि इस घटना से पहले गाजियाबाद से भी स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बदसलूकी की खबर आई थी। खुद सीएमओ ने गाजियाबाद कोतवाली में पत्र लिखकर बताया था कि आइसोलेशन वार्ड में रखे गए संभावित कोरोनावायरस तबलीगी जमाती मरीज बिना कपड़े, पैंट के नंगे घूम रहे हैं। यही नहीं, आइसोलेशन में रखे गए जमाती अश्लील वीडियो चलाने के साथ ही नर्सों को गंदे-गंदे इशारे भी कर रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया