जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आतंकियों को मुख्यधारा में लाने को लेकर बड़ा बयान दिया है। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के वो नौजवान जो आतंकियों से मिल गए हैं, उनके पुनर्वास के लिए सरकार जल्द कोई बड़ी घोषणा कर सकती है।
अपने बयान में राज्यपाल ने कहा कि कश्मीर में एक भी जान जाती है चाहे वो आतंकी ही क्यों न हो उन्हें दर्द होता है। यही वजह है कि आतंकियों को मुख्यधारा से जुड़ने का मौका दिया जाएगा। राज्यपाल मलिक ने कहा कि पुलिस अपने स्तर पर किसी भी परिस्थिति को बेहतर तरह से हैंडल करने में सक्षम है।
यही नहीं उन्होंने यह भी कहा, “रात के तीन बजे जब हमलोग बिस्तर पर लेटे होते हैं, तब सेना के जवान आतंकियों से लड़ रहे होते हैं। यही वजह है कि उन्हें जितनी भी सुविधा दी जाए वो एक तरह से कम ही है।” उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीने में सुरक्षा बल के जवानों ने शानदार काम किया है।
बारामुला पहला आतंकी मुक्त जिला
जानकारी के लिए बता दें कि कभी हिज़्बुल मुज़ाहिद्दीन का गढ़ माने जाने वाला ज़िला बारामूला अब आतंक-मुक्त घोषित कर दिया गया है। सेना और पुलिस की इस क़ामयाबी पर पूरे देश को गर्व होना चाहिए। बुधवार (जनवरी 23, 2019) को सेना के साथ मुठभेड़ में तीन आतंकियों के मारे जाने के बाद जम्मू एवं कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इस बात की पुष्टि की।
पुलिस के जम्मू एवं कश्मीर में जितने भी आतंक प्रभावित ज़िले हैं, उनमे से बारामूला आतंक-मुक्त घोषित होने वाला पहला ज़िला है।आतंकियों के छिपे होने की सूचना के बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया। ये आतंकी चार घंटे से वहाँ छिपे हुए थे और सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे थे।
उन्हें पहले सरेंडर करने को कहा गया लेकिन वो फायरिंग करते रहे। मारे गए आतंकियों में से एक लश्कर का कमांडर बताया जाता है। इन आतंकियों ने पहले कई बार बारामूला पुलिस पर ग्रेनेड से हमला किया था। इन्होने कुछ दिनों पहले घाटी के तीन युवकों को भी मौत के घाट उतार दिया था।