गुजरात उच्च न्यायालय ने प्रोपेगंडा एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका रद्द कर दी है। शनिवार (1 जुलाई, 2023) को हाईकोर्ट ने उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया। मुंबई की प्रोपेगंडा एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ ने 2002 में हुए गुजरात दंगों में निर्दोष लोगों को फँसाने की कोशिश की थी। साथ ही उन्होंने कई बनावटी सबूत भी पैदा किए थे। पिछले वर्ष उन्होंने जमानत याचिका दायर की थी। अब इस आदेश के बाद उनका गिरफ्तार होना तय माना जा रहा है।
सितंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ़्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की थी, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत से रिहा कर दिया गया था। जस्टिस निर्जर देसाई ने अब उनकी नियमित जमानत याचिका रद्द करने हुए तुरंत सरेंडर करने को कहा है। इस आदेश के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर ठाकोर ने अदालत से आग्रह किया कि इस आदेश को लागू होने से 30 दिनों तक रोका जाए, अर्थात 1 महीने की राहत मिले, लेकिन जज ने इस निवेदन को अस्वीकार कर दिया।
इससे पहले जून 2022 में अहमदाबाद ‘डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच (DCB)’ की FIR के बाद तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 7 दिनों के लिए पुलिस रिमांड में रखा गया था, उसके बाद 2 जुलाई, 2023 को जुडिशल कस्टडी में भेज दिया गया था। उनके अलावा पूर्व IPS अधिकारी आरबी श्रीकुमार को भी गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने ज़किया जाफरी की याचिका ख़ारिज करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन-चिट दे दी थी, जिसके बाद ये निर्णय लिया गया।
She is Teesta Setalvad.
— Shashank Shekhar Jha (@shashank_ssj) July 1, 2023
She fabricated evidence of 2002 Gujarat riots to frame innocent Hindus & officials.
Supreme Court observed:
She pushed such petition with ulterior motive.
Now, Gujarat High Court rejected her regular bail application & asked her to immediately surrender pic.twitter.com/PfFvtRZUgP
ज़किया नफरी के पति और तत्कालीन कॉन्ग्रेस सांसद एहसान जाफरी की दंगों के दौरान ही हत्या कर दी गई थी। गोधरा में महिलाओं-बच्चों समेत 59 श्रद्धालुओं को जलाने के बाद गुजरात में ये दंगे भड़के थे। SIT के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी नरेंद्र मोदी को क्लीन-चिट दे दी थी, जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे। सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था का गलत इस्तेमाल करने वालों पर मामला चलाए जाने की बात कही थी। तीस्ता सीतलवाड़ पीएम मोदी सहित गुजरात सरकार के तत्कालीन नेताओं के खिलाफ झूठे सबूत जुटाती रही हैं।