वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को ज्ञानवापी केस से अलग किया: सर्वे रिपोर्ट के लिए 2 दिन का समय

ज्ञानवापी पर कोर्ट का फैसला

वाराणसी के ज्ञानवापी में सर्वे खत्म होने के बाद आज इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट कोर्ट को दी जानी थी। हालाँकि सुनवाई के दौरान एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने अपील की कि रिपोर्ट पेश करने के लिए दो दिन का समय दिया जाए। इस बाबत उन्होंने सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया और दो दिन का समय माँगते हुए बताया कि 15 घंटे की वीडियोग्राफी और 1500 फोटोज होने के कारण फाइल नहीं बन पाई है। इसलिए वह रिपोर्ट पेश करने के लिए दो दिन का समय माँगते हैं।

कोर्ट कमिश्नर की अपील पर सुनवाई करते हुए वाराणसी कोर्ट ने जहाँ इस मामले में रिपोर्ट जमा कराने के लिए दो दिन का समय दिया। वहीं मुस्लिम पक्ष की गुहार पर आज सर्वे से कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को अलग कर दिया गया। अब अजय प्रताप सिंह और विशाल सिंह कोर्ट कमिश्नर किए गए हैं।

बता दें कि अजय मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर के पद से हटवाने के लिए मुस्लिम पक्ष काफी समय से कोशिश कर रहा था। हालाँकि पिछली बार उनकी माँग खारिज हो गई थी और कमिश्नर को न हटाने के साथ-साथ सर्वे जारी रखने को भी कहा गया था। लेकिन इस बार अजय मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर के तौर पर हटाने के निर्देश दिए जा चुके हैं।

मालूम हो कि आज कोर्ट की सुनवाई के दौरान सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक नामक तीन महिलाओं ने नई याचिका दायर की है। इसमें विवादित ढाँचे की उस दीवार को तोड़ कर जाँच कराने का आग्रह है जो नंदी महाराज के सामने है। याचिका में माँग की गई कि सारा मलबा हटा कर शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई और ऊँचाई नापी जाए। इसके अलावा आज की सुनवाई में विवादित ढाँचे के अंदर तालाब की मछलियों को निकालकर अलग शिफ्ट करने को कहा गया। साथ ही नमाजियों के वज्जू के लिए इंतजाम हो इसकी अपील की गई।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया