हाथरस: PFI से जुड़े केरल के कथित पत्रकार, 3 अन्य के खिलाफ UAPA-राजद्रोह के तहत FIR दर्ज, सामाजिक वैमनस्य व विद्रोह भड़काने का आरोप

हाथरस घटना की आड़ में दंगों की साजिश (साभार: The Sen Times)

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई घटना की आड़ में मथुरा से गिरफ्तार हुए दंगे की साजिश रचने वाले 4 आरोपितों के खिलाफ बुधवार (अक्टूबर 06, 2020) को मथुरा में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और राजद्रोह के तहत केस दर्ज किया गया है।

दर्ज FIR में बताया गया है कि अतीकुर्रहमान, आलम, केरल के सिद्दीक कप्पन (जो कि कथित तौर पर पत्रकार है) और मसूद अहमद के पास गिरफ्तारी के दौरान 6 स्मार्टफोन, एक लैपटॉप व ‘जस्टिस फॉर हाथरस’ नाम के पैम्फ़्लिट पाए गए थे और ये लोग शांति भंग करने के लिए हाथरस जा रहे थे।

बता दें कि पुलिस ने सोमवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के चार कार्यकर्ताओं को मथुरा से गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, वे सभी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के स्टूडेंट विंग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से जुड़े हुए हैं और दिल्ली से आकर कार में हाथरस की ओर बढ़ रहे थे जहाँ उन्हें रोका गया।

पुलिस ने इन पर आतंकवाद-विरोधी धाराएँ और अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रीवेन्शन एक्ट यानी UAPA भी लगाया गया है। इसके साथ ही, इन आरोपितों पर आतंकवाद के लिए पैसे एकत्रित करने का भी आरोप है।

मथुरा ग्रामीण के लिए पुलिस अधीक्षक (एसपी) शीरीश चंद ने पुष्टि की कि इन चारों के खिलाफ अब राजद्रोह और अन्य आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि इन चारों को बुधवार को कोर्ट के सामने पेश किया गया, जहाँ से इन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

पुलिस का कहना है कि इन लोगों के पास से बरामद पैम्फ़्लिट ‘Am I not India’s daughter, made with Carrd’ आदि मुद्रित सामग्री सामाजिक वैमनस्यता बढ़ाने वाले एवं जन विद्रोह भड़काने वाले हैं।

हिरासत में लिए गए चारों आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), आईपीसी की 295 ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करने से भावनाओं को अपमानित करने का इरादा) के तहत दर्ज किया गया है। इसके अलावा यह भी पाया गया है कि वेबसाइट को संचालित करने वाले व्यक्तियों द्वारा किए जाने वाला कृत्य भारतीय दंड विधान की धारा 124 ए के अन्तर्गत है, जो कि राजद्रोह है। इन वेबसाइट के कृत्यों के लिए यूएपीए की धारा 17 एवं 18 और धारा 65, 72 और 76 सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम भी लगाया गया है।

एफआईआर के मुताबिक, यह चारों व्यक्ति शांति भंग करने के लिए हाथरस जा रहे थे और यह एक बड़ी साजिश थी। हालाँकि विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कुछ असमाजित तत्वों द्वारा जानबूझकर सामाजिक विद्वेष एवं जातिगत तनाव तथा देश में सांप्रदायिक संद्भाव को प्रभावित करते हुए प्रदेश में अभी हाल में हुए हाथरस की दुर्भाग्य पूर्ण घटना की आड़ में दंगा भड़काने की कोशिश की।

रिपोर्ट के मुताबिक, दंगा भड़काने के लिए जो धनराशि प्राप्त की गई है वह भी वैध तरीके से नहीं हासिल की गई है। यह धनराशि जब्त करने योग्य है। carrd.co नाम की वेबसाइट का उपयोग जातिगत हिंसा व दंगा भड़काने के लिए किया जा रहा था। इस वेबसाइट से जुड़े संगठनों एवं कार्यकर्ताओं के द्वारा भीड़ एकत्र करने, अफवाह फैलाने एवं चंदा एकत्र करने का काम न्याय दिलाने की आड़ में किया जा रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया