Saturday, April 27, 2024
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आरोपितों की गिरफ्तारी, हिंसा की अंतरराष्ट्रीय साजिश और पॉलिटिकल प्रोपेगेंडा: हाथरस केस में दर्ज FIR की डिटेल

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि पीड़िता के भाई की गवाही के आधार पर आरोपितों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बावजूद कुछ संगठन और निहित स्वार्थ वाले व्यक्ति सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए जातीय और सांप्रदायिक हिंसा फैलाने पर आमादा हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस की घटना के संबंध में कई एफआईआर दर्ज की है। यहाँ पिछले सप्ताह मंगलवार को एक 19 वर्षीय पीड़िता की मौत हो गई थी। इस संदर्भ में पुलिस ने एक प्रेस स्टेटमेंट जारी किया है। इस स्टेटमेंट में मामले में कई व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई विभिन्न एफआईआर की जानकारी दी गई है।

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि पीड़िता के भाई की गवाही के आधार पर आरोपितों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद 3 सदस्यीय एसआईटी जाँच का आदेश दिया गया और फिर मामले में सीबीआई जाँच की सिफारिश की गई है। इसके बावजूद कुछ संगठन और निहित स्वार्थ वाले व्यक्ति सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए जातीय और सांप्रदायिक हिंसा फैलाने पर आमादा हैं।

इसके लिए वे विभिन्न सोशल मीडिया वेबसाइटों पर बिना सोचे-समझे और फर्जी दावे पोस्ट कर रहे थे और सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में भाग लेने के लिए COVID-19 के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए गैरकानूनी तरीके से गाँव के बाहर लोगों को इकट्ठा कर रहे थे।

इस संबंध में पुलिस द्वारा कई FIR दर्ज की गई हैं। यूपी पुलिस द्वारा उनकी प्रेस रिलीज में शेयर की गई जानकारी इस प्रकार हैं-

जातीय हिंसा को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय साजिश रचने पर FIR

यह सामने आने के बाद कि हाथरस की घटना पर विरोध-प्रदर्शन करने के बहाने उत्तर प्रदेश में दंगे भड़काने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश रची जा रही है, यूपी पुलिस ने हाथरस में जाति आधारित दंगों की साजिश रचने के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की।

हाथरस पुलिस स्टेशन में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें राज्य में जातीय और सांप्रदायिक दंगों की साजिश रचने, अराजकता फैलाने, दंगा करने के बहाने योगी सरकार को बदनाम करना, अफवाहें फैलाना, पीड़ित परिवार को योगी सरकार के खिलाफ भड़काना, फर्जी फोटो, फर्जी सूचना, फोटोशॉप्ड तस्वीरों के जरिए नफरत फैलाना शामिल है। 

पुलिस ने इस संबंध में आईपीसी की धारा 109, 120 (बी), 124-ए, 153-ए, 153-ए (1), 153-ए (1) (ए), 153-ए (1) b), 153-A (1) (c), 153-B, 195, 195-A, 465, 468, 469, 501, 505 (1), 505 (1) (b), 505 (1) (c) ), 505 (2), और 67 के तहत FIR दर्ज की है।

पीड़ित और उसके परिवार के बारे में प्रोपेगेंडा वीडियो प्रसारित करने के लिए एक राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल के खिलाफ FIR दर्ज

यूपी पुलिस ने एक राजनीतिक दल के प्रतिनिधिमंडल के खिलाफ हाथरस के चंदपा पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की है, जिन्होंने मृतका के घर का दौरा किया था। पुलिस ने उन पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मृतका के परिजनों का प्रोपेगेंडा आधारित वीडियो/ऑडियो प्रसारित करने का आरोप लगाया। उन पर भादवि की धारा- 147, 148, 323, 504, 332, 353, 427, 188 और सीएलए अधिनियम 7 के तहत आरोप लगाए गए हैं।

एक राजनीतिक दल के सदस्यों के खिलाफ हंगामा करने और पुलिस अधिकारियों पर पथराव करने के लिए FIR दर्ज की गई

मामले में तीसरी FIR एक पार्टी के राजनीतिक सदस्यों के अनधिकृत दौरे से संबंधित है। पुलिस के अनुसार, राजनीतिक दल के प्रतिनिधिमंडल की बैठक के बाद पार्टी के कई सदस्यों और समर्थकों ने बिना अनुमति के गाँव में प्रवेश किया और धारा 144 का उल्लंघन किया। उन पर कानून प्रवर्तन अधिकारियों को गाली देने और उनके साथ हाथापाई करने का भी आरोप है। राजनीतिक पार्टी समर्थकों द्वारा उन पर पथराव करने के बाद कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए। उन पर भादवि की धारा -148, 148, 323, 504, 332, 353, 427, 188 और सीएलए अधिनियम 7 के तहत आरोप लगाए गए हैं।

भड़काऊ भाषण वाले वीडियो प्रसारित करने के लिए FIR

उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक राजनीतिक पार्टी के एक सदस्य के खिलाफ सार्वजनिक रूप से एक वीडियो प्रसारित करने के लिए एक एफआईआर दर्ज की, जिसमें भड़काऊ बयान दिए गए। इस भाषण में पुलिसकर्मियों का हाथ काटने, पुलिस अधिकारियों को निलंबित करना और जाति/समुदायों के बीच सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना आदि शामिल था। आरोपित के खिलाफ भादवि की धारा-153 ए, 505, 506, 489 और आईटी एक्ट की धारा 84 सी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

धारा 144 का उल्लंघन करने और यातायात अवरुद्ध करने के लिए भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और 400-500 अन्य के खिलाफ FIR दर्ज

हाथरस में मार्च करते हुए पीड़िता के परिजनों से मिलने के लिए जाने के दौरान भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और 400-500 अन्य के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करने के लिए FIR दर्ज की गई। आजाद और उनके समर्थकों ने पुलिस के लिए कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा कर दी थी, क्योंकि उन्होंने जबरन गाँव में घुसने और पीड़ित के रिश्तेदारों से मिलने की कोशिश की थी। जब उन्हों रोका गया, तो वे सड़क पर यातायात बाधित कर प्रदर्शन पर बैठ गए, जिसके बाद उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई।

कोविड-19 के दिशा-निर्देशों और सीआरपीसी की धारा 144 के उल्लंघन के लिए लगभग 200 लोगों के खिलाफ FIR

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बसंत बाग कॉलोनी में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों और सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन कर बड़ी संख्या में इकट्ठा होने के लिए लगभग 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

इसके अलावा, बिजनौर, सहारनपुर, बुलंदशहर, प्रयागराज, हाथरस और अयोध्या जैसे जिलों में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर आपत्तिजनक पोस्ट करने की शिकायतें दर्ज की गईं। कम से कम 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है।

पुलिस ने कमिश्नरेट लखनऊ में विवादित पोस्टर लगाने के लिए एक व्यक्ति के खिलाफ मामला भी दर्ज किया था। इस संबंध में एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड करने के आरोप में लखनऊ ग्रामीण में गिरफ्तारी की गई है। वहीं मथुरा में कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के कोषाध्यक्ष को 3-4 अन्य पदाधिकारियों के साथ सीआरपीसी की धारा 151 के तहत प्रतिबंधित किया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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