पहले देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ टूटी, अब पुजारियों की गिरफ्तारी: मंदिरों पर हमलों को पुलिस ने ‘पॉलिटिक्स’ से जोड़ा

आंध्र के मदिरों में तोड़फोड़ को DGP गौतम सवांग ने बताया राजनीतिक साजिश (फाइल फोटो)

आंध्र प्रदेश में मंदिरों में तोड़फोड़ और प्रतिमाओं को खंडित करने के मामले में राजनीति तेज़ हो गई है। राज्य पुलिस के मुखिया ने इसके लिए विपक्षी पार्टियों TDP और भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। DGP गौतम सवांग ने शुक्रवार (जनवरी 15, 2021) को मंदिरों में उत्पात और प्रतिमाओं को नुकसान पहुँचाने के मामले में राजनीतिक साजिश होने की बात कही और सोशल मीडिया पर प्रोपेगेंडा फैलाए जाने का आरोप लगाया।

DGP का कहना है कि इन मामलों में अब तक 21 लोगों की पहचान की गई है, जिनमें से 17 चंद्रबाबू नायडू की पार्टी TDP से जुड़े हैं और 4 भाजपा के हैं। इनमें से 15 को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि 9 मामलों के 21 आरोपितों में से TDP के 13 और भाजपा के 2 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी YSRCP और मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने भी यही आरोप लगाए थे।

YSRCP का दावा रहा कि सरकार की छवि को बदनाम करने के लिए विपक्षी दल इस तरह की साजिश रच रहे हैं। TDP ने इन आरोपों को नकारते हुए राज्य की पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया है। वहीं DGP सवांग का कहना है कि ‘जान-बूझकर अपना हित साधने के लिए’ कुछ समूहों और राजनीतिक दलों ने इस तरह की हरकतें की हैं, ताकि राज्य में सांप्रदायिक शांति और कानून-व्यवस्था को खराब किया जा सके।

सितम्बर 12, 2020 को राजामहेन्द्रवरम में प्रतिमाओं के अपमान के सम्बन्ध में पुलिस ने कहा कि उन हिन्दू देवी-देवताओं की प्रतिमाओं पर जिस पदार्थ का छिड़काव किया गया था, वो अपवित्र या आपत्तिजनक नहीं था। इस मामले में भी TDP और भाजपा नेताओं को ही आरोपित बनाने की बात कही गई है। कडप्पा जिले के बडवेल मंडल में स्थित कोंगलाविदु में आंजनेय स्वामी को चप्पलों की मामला पहनाए जाने के मामले में भी TDP नेता को आरोपित बनाया गया है।

दिसंबर 5, 2020 को हुई इस घटना पुलिस ने शरारती तत्वों की करतूत बताया था। दिसंबर 29, 2020 को कुर्नूल के मद्दिकेरा में स्थित मद्दाम्मा मंदिर में प्रतिमाओं को नुकसान पहुँचाए जाने के सम्बन्ध में पुलिस ने 8 आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 4 के TDP कैडर से होने की बात बताई गई है। कुर्नूल के ही मालमंदा में सीताराम प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने के सम्बन्ध में पुलिस ने कुछ अलग ही बयान दिया है।

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आंध्र प्रदेश पुलिस का कहना है कि एक बिजली मैकेनिक लाइट्स को ठीक कर रहा था, तभी उसका पाँव गलती से फिसल गया और इससे प्रतिमा को नुकसान पहुँचा। इस मामले में मंदिर समिति के अध्यक्ष, पुजारियों और पत्रकारों को ही प्रोपेगेंडा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। DGP ने लोगों से पुलिस की कार्रवाई में सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि राज्य में सांप्रदायिक शांति बरकरार रखा जाए।

बताते चलें कि आंध्र प्रदेश में मंदिरों पर हमलों की जाँच के लिए मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली YSRCP सरकार ने 16 सदस्यों वाली स्पेशल जाँच समिति (SIT) का गठन किया था। SIT सितम्बर 2020 के बाद राज्य में मंदिरों पर हुए हमलों की जाँच कर रही है। ACB विजयवाड़ा के एडिशनल डायरेक्टर अशोक कुमार को इसका मुखिया बनाया गया है। SIT अपनी रिपोर्ट सीधे सीएम जगन को सौंपेगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया