‘मैं बच्चे को बचा रहा था, मुश्ताक ने चाकू पीछे से घोंपा’: करौली हिंसा के पीड़ितों ने बयां किया खौफनाक मंजर, बोले- हमारे मुस्लिम पड़ोसी ही हमलावर थे

करौली हिंसा के पीड़ित अब कर रहे हैं आपबीती बयान (प्रतीकात्मक तस्वीर)

राजस्थान के करौली में हिंदू नव वर्ष के मौके पर हिंदुओं पर कट्टरपंथी मुस्लिमों द्वारा हमला किए जाने के एक सप्ताह के बाद अब इस घटना के पीड़ित अपने साथ हुई हिंसा की आपबीती बयाँ करने के लिए आगे आ रहे हैं। रिपब्लिक भारत से बात करते हुए एक पीड़ित ने बताया कि हिंदुओं के नए साल के मौके पर मुस्लिमों ने बेरहमी से हमला किया। वो अपने घरों की छतों पर हिंदुओं का इंतजार कर रहे थे।

एक पीड़ित ने ऑपइंडिया को बताया, “उस दिन हटवाड़ा बाजार को संदिग्ध तरीके से बंद कर दिया गया था और मुस्लिम पहले से ही अपनी छत पर जुलूस के आने का इंतजार कर रहे थे। हमें लगा कि वे वहाँ जुलूस देखने आए हैं। लेकिन जैसे ही हमारा जुलूस मुस्लिम बहुल इलाके में पहुँचा तो वहाँ पत्थरबाजी शुरू हो गई। बाइक पर सवार हिंदुओं को पत्थर मारे गए। जुलूस में शामिल 40-50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।”

एक पीड़ित ने बताया कि वो राम रथ यात्रा में आगे की कतार में था और जैसे ही वो बच्चों को बचाने आया तो उस पर हमले किए गए और उसे सात बार चाकू से घोंपा गया। उसने कहा, “मैं दंगों की स्थिति में फँसे हिंदुओं को बचाने की कोशिश कर रहा था, 50 से अधिक लोग धारदार हथियार, लाठी और डंडे लेकर मस्जिद की गली से निकलकर हमारी तरफ दौड़े। उन्होंने रैली में शामिल हिंदुओं पर बेरहमी से हमला किया। मुझ पर हमला किया गया और कई फ्रैक्चर सहित गंभीर चोटें आईं।”

पीड़ित ने बताया कि उनके पास इस घटना के वीडियो हैं। उन्होंने कहा, “जब मैं बच्चों को बचा रहा था, तो स्थानीय मुस्लिम नेता मुश्ताक ने मेरी पीठ पर छूरा घोंप दिया। मुश्ताक एक सरकारी कर्मचारी भी है। हम सभी हमलावरों को जानते हैं। मुस्लिमों ने हम पर धारदार हथियारों से हमला किया था, अपनी जान बचाकर भागने की कोशिशें कर रहे हिंदुओं को हिंसक भीड़ ने उन्हें बुरी तरह पीटा।” यहीं नहीं रामनवमी पर करौली में हिंसा के दौरान हिंदुओं पर कम से कम 5-7 ट्रॉलियों पर पथराव किया गया।

करौली हिंसा से पहले मुस्लिमों ने बंद कर दी थी दुकानें

इससे पहले मुस्लिमों ने जिन हिंदुओं पर हमला कर उनकी दुकानों को लूट लिया था, उनका कहना है कि उन्हें कट्टरपंथी मुस्लिमों से जान का खतरा है और वो इस इलाके में नहीं रहना चाहते।

पीड़ितों का कहना था कि शनिवार को दोपहर में मुस्लिमों ने एक रैली निकाली और शाम को इकट्ठे हुए और हिंदुओं की दुकानों पर हमला कर दिया। वहाँ लूटपाट करने के बाद आरोपितों ने आग लगा दी। हिंदुओं ने दावा किया था कि सभी हमलावर मुस्लिम जान पहचान के थे, क्योंकि वो सालों से उनके पड़ोसी थे। मुस्लिमों के हमले के डर से कई पीड़ितों ने तो हटवाड़ा बाजार को छोड़कर जाने का फैसला किया है।

करौली सांप्रदायिक हिंसा

करौली जिले के फूटा कोट इलाके में 2 अप्रैल, 2022 को हिंदू नव वर्ष (नव संवत्सर) के उपलक्ष्य में मुस्लिम बहुल इलाके से गुजर रही एक बाइक रैली पर पथराव के बाद एक दुकान और एक बाइक को आग के हवाले कर दिया गया था जिससे इलाके में तनाव पैदा हो गया। इस हमले में पुलिसकर्मियों सहित 43 लोग घायल हो गए थे। बाइक रैली पर पथराव के कारण रैली में शामिल चार पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। रिपोर्ट में कहा गया था कि अस्पताल पहुँचे घायलों के शरीर पर चाकू के निशान मिले हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया