Tuesday, November 5, 2024
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24 बच्चे, सभी बीमार, शरीर पर कई जगह जख्म… उत्तराखंड का अवैध मदरसा किया गया सील, चेकिंग के दौरान प्रशासन भी रह गया हैरान

मदरसा सील करने के बाद सभी बच्चों के अभिभावकों को बुलाया गया है और उनके साथ छात्रों को घर भेजा जा रहा है। जाँच की जा रही है कि बच्चों के शरीर पर चोट के निशान के क्या-क्या कारण हैं।

उत्तराखंड के नैनीताल में चल रहे एक अवैध मदरसे को सील कर दिया गया है। जोली कोट क्षेत्र में स्थित इस मदरसे को लेकर कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए, जिसके बाद वहाँ की पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। इस मदरसे में छापेमारी के दौरान प्रशासन को कई अनियमितताएँ भी मिली हैं। 2010 से ही ये मदरसा यहाँ संचालित किया जा रहा था, यानी पिछले 13 वर्षों से। जिलाधिकारी वंदना सिंह को इसके बारे में शिकायतें प्राप्त हुई थीं।

इसके बाद हल्द्वानी की सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह और तहसीलदार संजय सिंह को मौके पर भेजा गया। जब टीम यहाँ चेंकिंग के लिए पहुँची तो 24 बच्चे रहते हुए मिले। चौंकाने वाली बात ये है कि ये सभी बीमार थे। बच्चे काफी बीमार थे, लेकिन उनके इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। उनके हाथ-पाँव में चोट के निशान भी मिले हैं। बच्चों ने बताया है कि उनके साथ मारपीट की जाती थी, उनमें से कई भाग भी गए। सफाई व्यवस्था के निरीक्षण में भी कई गड़बड़ियाँ मिलीं।

सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने बताया कि कमरे भी गंदे थे और बच्चों के पीने के लिए साफ़ पानी तक उपलब्ध नहीं था। उनके रहने के लिए कोई साफ़ जगह नहीं थी। यहाँ तक कि उन्हें खाने के लिए भोजन तक ठीक से नहीं मिलता था। मदरसे में गन्दगी का ढेर लगा हुआ था। मदरसा सील करने के बाद सभी बच्चों के अभिभावकों को बुलाया गया है और उनके साथ छात्रों को घर भेजा जा रहा है। जाँच की जा रही है कि बच्चों के शरीर पर चोट के निशान के क्या-क्या कारण हैं।

उत्तराखंड में लगभग 50 मदरसे ऐसे बताए जा रहे हैं, जिन्हें नियम-कानून का पालन किए बिना अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा है। हालिया दिनों में ये पहला मौका है, जब पहाड़ी राज्य में मदरसा सील करने की कार्रवाई की गई हो। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार इसे लेकर सख्त है। उत्तर प्रदेश में तो पहले ही मदरसों में राष्ट्रगान से लेकर स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पढ़ाने का निर्णय लिया गया है। वहाँ मदरसों के सिलेबस में गणित और विज्ञान अनिवार्य है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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