तमिलनाडु में पोंगल के अवसर पर खेले जाने वाले जल्लीकट्टू की शुरुआत मदुरै के अवनियपुरम में आज से हो गई। इसके लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। खुद प्रधान जिला न्यायाधीश सी. मणिकम ने मदुरै में आयोजन स्थल का दौरान किया और सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया। रिपोर्ट्स के अनुसार अवनियपुरम में इस साल 730, अलंगानल्लूर में 700 सांड और पालामेडु में 650 साँड़ जलीकट्टू प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले रहे हैं। इस खेल का आयोजन 15 से 31 जनवरी के बीच होगा।
https://twitter.com/ANI/status/1217280672479531011?ref_src=twsrc%5Etfwजल्लीकट्टू तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों का एक परंपरागत खेल है जो पोंगल पर आयोजित किया जाता है। इस दौरान जल्लीकट्टू प्रतियोगिता में भाग लेने वाले युवक साँड़ को वश में करने की कोशिश करते हैं। लेकिन इस बार 21 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को पालमेडु और अलंगनल्लूर में आयोजित जल्लीकट्टू में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
https://twitter.com/ANI/status/1217275887319535616?ref_src=twsrc%5Etfwजानकारी के मुताबिक अवनियपुरम में ये खेल आज सुबह 8 बजे से शुरू हो गया जो शाम 4 बजे तक चलेगा। इस बीच हर घंटे तकरीबन 75 लोग मैदान में उतरेंगे। पूरे आयोजन को सीसीटीवी कैमरे से रिकॉर्ड किया जाएगा।
अवनियपुरम में कानून-व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए 1000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। 30 सदस्यों की एक मेडिकल टीम भी लगाई गई है जिसमें डॉक्टर और नर्सों के अलावा 10 एंबुलेंस शामिल हैं। यह टीम साँड़ और उसे काबू में करने वाले व्यक्ति पर पल-पल की निगरानी रखेगी।
गौरतलब है कि जलीकट्टू के खेल की निगरानी के लिए मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने रिटायर प्रधान जिला जज सी मणिकम को नियुक्त किया है। जिन्होंने सुरक्षा-व्यवस्थाओं का जायजा लेने के बाद बताया, “हमने खिलाड़ियों को 75 के बैच में विभाजित किया है, एक बार में 60 साँड़ एक-एक करके छोड़े जाएँगे। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस के आला अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। जिला कलेक्टर ने एक स्थानीय मंत्री के साथ मिलकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया है। घायल खिलाड़ियों को चिकित्सा सुविधा देने के लिए इक्कीस एम्बुलेंस तैनात हैं।”