जम्मू और कश्मीर में श्रीनगर के रैनावाड़ी में स्थित विश्व भारती गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं ने गुरुवार (8 जून 2023) को आरोप लगाया कि स्कूल ने लड़कियों को क्लास में अबाया (बुर्का) नहीं पहनने का निर्देश दिया है। इसको लेकर उन्होंने स्कूल के सामने प्रदर्शन किया। वहीं, स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा है कि अबाया पर प्रतिबंध नहीं लगा गया है, बल्कि यूनिफॉर्म से मैचिंग वाली बुर्का पहनने के लिए कहा गया है।
छात्राओं के इन आरोपों के बाद प्रदेश में राजनीति तेज होने के साथ-साथ इस्लामी आतंकी भी मैदान में कूद गए हैं। जम्मू-कश्मीर भाजपा, फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी ने अबाया को संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार के अंतर्गत बताया है। वहीं, एक आतंकी संगठन ने छात्राओं को अबाया पनने से रोकने पर स्कूल की प्रिंसिपल को धमकी दी है। इसके बाद प्रिंसिपल ने माफी माँग ली।
प्रिंसिपल ने कहा कि लड़कियाँ अलग-अलग रंगों और डिजाइनों के बुर्के पहनकर स्कूल आती हैं। इसलिए स्कूल उन्हें यूनीफॉर्म से मेल खाता हिजाब (सिर और चेहरा ढँकने वाला कपड़ा) पहनने के लिए कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि लड़कियाँ स्कूल यूनीफॉर्म के ऊपर उसी रंग का बुर्का पहन सकती हैं और स्कूल पहुँचने के बाद उसे उतारना होगा।
महिला प्रिंसिपल मेमरोज़ शफी ने कहा कि लड़कियों को इस्लामिक नियमों के अनुसार अपने शरीर को ढँकना जरूरी है। इसलिए उन्हें स्कूल में यूनीफॉर्म के ऊपर सफेद रंग का लंबा हिजाब पहनने या चादर लाने के लिए कहा गया है।
विश्व भारती गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल ने 8 जून 2023 को एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा, “सोशल मीडिया पर चल रहा है कि छात्राओं को अबाया (लंबा चोगा) नहीं पहनने का निर्देश दिया गया है, जो पूरी तरह से निराधार है और गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। ड्रेस कोड को लेकर स्कूल प्रबंधन हमेशा समाज के सभी वर्गों की भावनाओं का सम्मान करता है।”
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— D-Intent Data (@dintentdata) June 8, 2023
ANALYSIS: Misleading
FACT: Misleading News is being circulated from Kashmir in which it is being said that Muslim girl students are disallowed to enter the premises of Vishwa Bharti School in Rainawari, Srinagar because they were wearing hijab or Abaya. (1/4) pic.twitter.com/rWDK105Eb1
बयान में आगे कहा गया है, “यह स्पष्ट किया जाता है कि स्कूल के प्रधानाचार्य या प्रबंधन द्वारा अबाया पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, लेकिन यह छात्रों को विनम्रता से बताया गया है कि अबाया के नीचे स्कूल की वर्दी पहनें। यह सभी छात्रों की जानकारी के लिए है कि वे अबाया पहन सकते हैं और कक्षाओं में इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।”
प्राचार्य ने अपने बयान में आगे कहा, “छात्रों और अभिभावकों के साथ आज की बातचीत को गलत तरीके से पेश किया गया है। अगर इससे छात्राओं या अभिभावकों की भावनाओं को ठेस पहुँची है तो मैं इसके लिए बिना शर्त उनसे माफी माँगता हूँ।”
रैनावाड़ी में स्थित विश्व भारती (वीबी) गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं के एक समूह ने इस मामले को लेकर गुरुवार (8 जून 2023) को विरोध प्रदर्शन किया। छात्राओं का कहना था कि उन्हें सूचित किया गया था कि यदि वे हिजाब पहनना चाहती हैं तो उन्हें स्कूल के बजाय ‘मदरसा’ में जाना चाहिए।
Kashmir: Students from the Vishu Bharti (VB) school in Rainawari, Srinagar, staged a protest against the School administration stating that they were disallowed to enter the premises of the school because they were wearing Hijab.
— Ahmed Khabeer احمد خبیر (@AhmedKhabeer_) June 8, 2023
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, विरोध करने वाली लड़कियों में से एक ने कहा, “हम अबाया को क्यों उतारें? मैं इस स्कूल को अपने अल्लाह से ज्यादा प्यार नहीं करती कि मैं इस अबाया को उतार दूँ। मैं अपना अबाया कभी नहीं उतारूँगी। कॉलेज में इतने सारे लड़के हैं और इतनी अनैतिकता चल रही है, फिर भी उनकी आँखों से दिखाई नहीं देती है और हमें अबाया उतारने के लिए कह रही हैं।”
छात्रा ने आगे कहा, “वह (प्रशासन अधिकारी) कौन होती हैं, जो हमसे अबाया को हटाने के लिए कहती हैं? अगर हम अबाया पहनना चाहती हैं तो उन्होंने हमें एक दरगाह (धार्मिक विद्यालय) जाने के लिए कहा। क्या अबाया पहनने वाली लड़कियों को वो शिक्षा नहीं मिलती, जो बाकी सबको मिलती है?”
विश्व भारती (वीबी) स्कूल की प्रिंसिपल मेमरोज़ शफी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद अबाया पहनने की अनुमति दी गई थी। कुछ समय के लिए केवल कुछ लड़कियों ने स्कूल में अबाया पहना था, लेकिन हाल ही में निचली कक्षा की लड़कियों ने स्कूल के यूनीफॉर्म की अवहेलना करते हुए अबाया पहनना शुरू कर दिया।
It was politely conveyed to the students to wear School Uniforms underneath the Abaya. It is for the information of all students that they can wear the Abaya and no such restrictions have been imposed in the classrooms. (3/4)pic.twitter.com/dc9N1bxEAs
— D-Intent Data (@dintentdata) June 8, 2023
प्रिंसिपल के अनुसार, स्कूल ने इन लड़कियों को ड्रेस कोड के अनुसार अबाया निकालने का निर्देश दिया था। हालाँकि, छात्राओं ने इससे नाराजगी जाहिर की। लड़कियों की चिंताओं के जवाब में स्कूल ने हिजाब पहनने की व्यवस्था दी है। बताते चलें कि जनवरी 2022 में कर्नाटक में हिजाब प्रतिबंध विवाद छिड़ गया था। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया कि स्कूल शैक्षिक परिसरों पर वर्दी लगा सकता है।
भाजपा के जम्मू-कश्मीर महासचिव अशोक कौल ने पहनावे में व्यक्तिगत स्वतंत्रता का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “क्या पहनें और क्या नहीं, इसमें कोई जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए। हम किसी की पोशाक तय नहीं करेंगे। इसकी पूर्ण स्वतंत्रता होनी चाहिए।”
वहीं, नेशनल कांफ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा “हिजाब पहनना एक व्यक्तिगत पसंद होना चाहिए। धार्मिक वेश-भूषा के मामलों में कोई दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए।” पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, “जम्मू-कश्मीर गाँधी के भारत को गोडसे के भारत में बदलने की भाजपा की योजनाओं के लिए एक प्रयोगशाला बन गया है। सभी प्रयोग यहीं से शुरू होते हैं।”