कमलेश तिवारी के हत्यारों के साथ दिखी महिला है शहनाज बानो, कहा- चुनाव प्रचार कर रही थी

सीसीटीवी फुटेज में शूटरों के साथ दिखी महिला है शहनाज बानो

कमलेश तिवारी की हत्या के बाद सामने आए सीसीटीवी फुटेज में तीन लोग नजर आए थे। इनमें दो पुरुष और एक महिला हैं। दोनों पुरुष तिवारी के संदिग्ध हत्यारे बताए जा रहे हैं। उनके पीछे चल रही महिला की पहचान शहनाज बानो के तौर पर हुई है। उसका कहना है कि वह कैंट उपचुनाव प्रचार के लिए उस इलाके में थी।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक महिला मड़ियांव की रहने वाली है। उसने पूछताछ में बताया कि युवकों ने उससे खुर्शेदबाग कॉलोनी का पता पूछा था। शुरुआती जॉंच के आधार पर पुलिस और एटीएस का कहना है कि तिवारी की हत्या से महिला का कोई संबंध नहीं है। महिला के परिजनों का दावा है कि फुटेज सामने आने के बाद उन लोगों ने खुद पुलिस से संपर्क किया था।

हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक विडियो में संदिग्ध युवकों में से एक युवक पीछे मुड़ता है और शहनाज से कुछ बातें करता है। यूपी के डीजीपी ओपी सिंह के हवाले से एएनआई ने बताया है कि फुटेज में नजर आई महिला से पुलिस ने पूछताछ की है। मामले की हर कोण से पड़ताल की जा रही है।

बता दें कि गुजरात एटीएस ने सूरत के मौलाना मोहसिन शेख, फैजान पठान और राशिद पठान को हिरासत में लिया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र एटीएस ने सैयद आसिम अली नाम के शख्स को हिरासत में लिया है। राशिद पठान के पाकिस्तान से भी कनेक्शन होने की बात सामने आई है। कमलेश तिवारी के बेटे सत्यम तिवारी ने मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) की माँग की है। यूपी डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि शुरुआती जाँच से ये जानकारी सामने आई है कि 2015 में पैगंबर मोहम्मद के ऊपर दिए गए विवादास्पद बयान के कारण इस घटनाक्रम को अंजाम दिया गया है। 

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आज कमलेश तिवारी के परिजन उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मिलेंगे। वे मुलाकात के लिए सीतापुर से लखनऊ के लिए निकल चुके हैं। इससे पहले शनिवार (अक्टूबर 19, 2019) को लखनऊ डिवीजन के कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने उत्तर प्रदेश के सीतापुर में कमलेश तिवारी के परिवार से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि कमलेश तिवारी के बड़े बेटे के लिए यूपी प्रशासन सरकारी नौकरी की अनुशंसा करेगी। साथ ही आत्मरक्षा के लिए उसे लाइसेंसी हथियार भी प्रदान किया जाएगा। 

उन्होंने बताया कि उन्हें उचित वित्तीय सहायता प्रदान किया जाएगा। इन सभी बातों पर एक समिति द्वारा विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने सरकारी योजना के तहत आवास मुहैया कराने और 48 घंटे के अंदर परिवार को सुरक्षा प्रदान करने की बात कही थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया