बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना और रंगोली की गिरफ्तारी पर लगाई रोक, जस्टिस शिंदे ने मुंबई पुलिस को फटकारा

रंगोली चंदेल के साथ कंगना रनौत (साभार: Hindustan Times)

मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के खिलाफ कंगना रनौत की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी है, लेकिन राजद्रोह के मामले में दोनों को 8 जनवरी को मुंबई पुलिस के सामने पेश होना होगा।

कंगना रनौत और रंगोली चंदेल के वकील रिजवान सिद्दीकी ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि दोनों बहनें मुंबई में बांद्रा पुलिस के सामने 8 जनवरी को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक अपने बयान दर्ज कराने के लिए उपस्थित रहेंगी। 

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह सवाल भी उठाया कि आखिर क्यों कंगना रनौत पर राजद्रोह का केस लगाया गया। राजद्रोह चार्ज का हवाला देते हुए जस्टिस शिंदे ने कहा- “क्या आप देश के नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं?” इसके साथ ही पुलिस को तब तक कंगना और रंगोली के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए भी कहा गया है।

बता दें कि अभिनेत्री कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल ने सोमवार (नवंबर 23, 2020) को बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था, जिस पर मंगलवार (नवंबर 24, 2020) को सुनवाई हुई। यह प्राथमिकी सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए समाज में नफरत और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के आरोप में दर्ज की गई है।

फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल को सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने, सांप्रदायिक तनाव भड़काने के आरोप में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस के समक्ष सोमवार या मंगलवार को पेश होने के लिए समन भेजा था, जिसके खिलाफ कंगना ने बम्बई उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल प्राथमिकी को रद्द करने की माँग की थी।

कंगना और उनकी बहन को इससे पहले 26 और 27 अक्टूबर तथा 9 और 10 नवंबर को पुलिस के समक्ष हाजिर होने के लिए समन भेजा गया था। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से कहा था कि वे अपने भाई की शादी के लिए हिमाचल प्रदेश में 15 नवंबर तक व्यस्त रहेंगी। मुंबई पुलिस ने इसके बाद उन्हें 23 और 24 नवंबर को तीसरा नोटिस भेजा था।

एक स्थानीय अदालत ने हाल ही में बांद्रा पुलिस को मामला दर्ज कर जाँच करने का आदेश दिया था। पुलिस ने स्थानीय अदालत के आदेश के बाद कंगना और उनकी बहन को समन भेजा था लेकिन दोनों बहन पुलिस के समक्ष हाजिर नहीं हुई और उच्च न्यायालय में प्राथमिकी को खारिज करने के लिए याचिका दाखिल की।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया