कॉलेज में धार्मिक पोशाक पहनने पर जोर न दें, अंतिम फैसले का इंतजार करें: बुर्का विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट, अब सोमवार को सुनवाई

कर्नाटक में हिजाब पर विवाद क्यों?

कर्नाटक हाई कोर्ट हिजाब मुद्दे पर सोमवार (14 फरवरी 2022) को फिर से सुनवाई करेगी। गुरुवार (10 फरवरी 2022) को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रितू राज अवस्थी की अध्यक्षता में जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। 

इस दौरान कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पीठ कॉलेजों को खोलने का निर्देश देने वाला आदेश पारित करेगी लेकिन जब तक मामला लंबित है, कोई भी छात्र धार्मिक पोशाक पहनने पर जोर न दे। उन्होंने कहा, “हम सुनवाई के दौरान सभी को धार्मिक प्रथाओं को अपनाने से रोकेंगे।” इसके साथ ही उन्होंने शांति बनाए रखने की भी अपील की और मीडिया को निर्देश दिया कि वह अदालत की मौखिक कार्यवाही की रिपोर्टिंग न करे, बल्कि फाइनल ऑर्डर आने तक इंतजार करे।

इससे पहले बुधवार (9 फरवरी 2022) को कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान मामले की सुनवाई कर रहे कर्नाटक HC के जज जस्टिस कृष्ण दीक्षित ने मामले को बड़ी बेंच में भेजने का फैसला किया था। जस्टिस दीक्षित ने कहा था, “इस मामले में अंतरिम राहत के सवाल पर भी बड़ी बेंच विचार करेगी।”

क्या है मामला?

कर्नाटक सरकार ने राज्य में Karnataka Education Act-1983 की धारा 133 लागू कर दी है। इस वजह से अब सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत सरकारी स्कूल और कॉलेज में तो तय यूनिफॉर्म पहनी ही जाएगी, प्राइवेट स्कूल भी अपनी खुद की एक यूनिफॉर्म चुन सकते हैं।

इस फैसले को लेकर विवाद पिछले महीने जनवरी में तब शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी। विवाद इस बात को लेकर था कि कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था, लेकिन वे फिर भी पहनकर आ गई थीं। उस विवाद के बाद से ही दूसरे कॉलेजों में भी हिजाब को लेकर बवाल शुरू हो गया। जिसके बाद छात्राओं ने कोर्ट में याचिका दायर किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया