Tuesday, November 19, 2024
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तमिलनाडु: मंदिरों के 25,868 एकड़ से अधिक भूमि पर अवैध कब्जा, कीमत ₹10,000 करोड़

थिरुथोंडार्गल सबाई के संस्थापक और अध्यक्ष ए राधाकृष्णन ने दावा किया था कि राज्य भर के मंदिरों की 70% भूमि का अतिक्रमण किया गया है। इनमें से अधिकांश भूमि सदियों से मंदिरों के हितकरों, जमींदारों और भक्तों द्वारा दान की गई थी।

तमिलनाडु में हिदू मंदिरों के तकरीबन 25,868 एकड़ भूमि पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया गया है, जिसकी कीमत लगभग 10,000 करोड़ रुपए होगी। जानकारी के मुताबिक, तमिलनाडु में हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्त (HR & CE) विभाग के नियंत्रण में मंदिरों के सभी भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू करने वाली राज्य सरकार ने पाया विभिन्न हिंदू मंदिरों से संबंधित लगभग 10,000 करोड़ रुपए की कीमत वाली 25,868 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। इन जमीनों को अवैध रूप से विभिन्न लोगों को हस्तांतरित कर दिया गया है।

वैसे मंदिर की भूमि का अतिक्रमण कोई नई बात नहीं है। 2018 में मंदिर की 9000 एकड़ भूमि पर विभिन्न लोगों द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण किया गया था। लेकिन अब राज्य सरकार द्वारा तमिलनाडु सरकार ने पाया कि लगभग 10,000 करोड़ रुपए की कम से कम 25,868 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, कुछ वर्षों पहले शुरू हुए 38,000 से अधिक मंदिरों और मठों के भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण का काम पूरा हो गया है। जमीनी विवरण को डिजिटलीकरण करने के लिए अपडेटिंग रजिस्ट्री स्कीम (URS) के तहत दो जिला राजस्व अधिकारियों को नियुक्त किया गया था। 

मार्च 2019 में, ऑर्गेनाइजर में बताया गया था कि कांचीपुरम में तिरुपुर के प्राचीन मुरुगन मंदिर से संबंधित 76 एकड़ भूमि पर कब्जा कर एक आवास परिसर में बदल दिया गया था। इस जमीन की कीमत 750 करोड़ रुपए से अधिक थी। बाद में जाँच से पता चला था कि इस तरह से मंदिरों की जमीन का अतिक्रमण कर 10 से अधिक स्थानों पर इमारतों और अन्य संरचनाओं का निर्माण किया गया था। इन स्थानों पर मंदिर से संबंधित सबूत मिले थे।

इस साल जुलाई में, थिरुथोंडार्गल सबाई के संस्थापक और अध्यक्ष ए राधाकृष्णन ने दावा किया था कि राज्य भर के मंदिरों की 70% भूमि का अतिक्रमण किया गया है। इनमें से अधिकांश भूमि सदियों से मंदिरों के हितकरों, जमींदारों और भक्तों द्वारा दान की गई थी। अब भू-माफियाओं द्वारा उन पर हमला किया जा रहा है। सरकार भी इसे नजरअंदाज कर रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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