जब श्रमिक ट्रेन में गर्भवती महिला को शुरू हुई प्रसव पीड़ा, रेलवे की सहायता से दुनिया में आई नन्ही जान

श्रमिक ट्रेन में महिला ने दिया बच्चे को जन्म (साभार: रेल मंत्री पीयूष गोयल का ट्विटर अकॉउंट)

लॉकडाउन के कारण अलग-अलग राज्यों में फँसे प्रवासी मजदूरों को केंद्र सरकार इस समय रेलवे की मदद से उनके गृह राज्य सकुशल भिजवाने के लिए श्रमिक ट्रेंने चलवा रही है।

ऐसे में सफर के दौरान इन यात्रियों को कोई दिक्कत न आए, इसके लिए रेलवे की ओर से इनका पूरा-पूरा ख्याल रखा जा रहा है। इस बात का ताजा उदाहरण 16 मई को हुई एक घटना भी है, जब श्रमिक ट्रेन में सफर करने के दौरान एक गर्भवती महिला को रेलवे के कारण नया जीवन मिला।

जी हाँ, वैसे तो आमतौर पर किसी भी महिला के जीवन में प्रसव एक ऐसा अनुभव होता है जिसमें भले ही स्त्री को असीम पीड़ा से गुजरना पड़े लेकिन वो उसका मलाल कभी नहीं करती। मगर सच यह भी है कि कई बार उचित स्वास्थ्य सुविधा न मिलने के कारण इस वेदना को झेलते हुए स्त्रियाँ अपनी जान तक गवाँ बैठती है।

कुछ ऐसी ही स्थिति 16 मई को 9 माह की गर्भवती फूलकुमारी के लिए बन पड़ी थी। वो भी तब, जब वह अहमदाबाद से गोंडा जाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन से यात्रा कर रही थी।

इस यात्रा के दौरान सब ठीक था, लेकिन जैसे ही गाड़ी कानपुर सेंट्रल के प्लेटफॉर्म नंबर 6 पर रुकी। तो उसे अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। महिला की बिगड़ती हालत देखते हुए प्लेटफार्म नंबर 6 पर उपस्थित सीआईटी श्री बलिराम ने वाणिज्य निरीक्षक विजय शर्मा को उसकी हालत से अवगत कराया।

इसके बाद विजय शर्मा ने उपमुख्य यातायात प्रबंधक कानपुर से निर्देश प्राप्त कर फौरन महिला को प्लेटफॉर्म पर उतरवा लिया और रेलवे ने डॉक्टरों की मदद से महिला की सफल एवं सुरक्षित डिलीवरी कराने में संपूर्ण सहयोग दिया।

नतीजन माँ ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया व जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित बच गए। हालाँकि बच्ची के जन्म के बाद, महिला को 7:20 बजे कानपुर शहर के डफरिन अस्पताल में आगे की देखरेख के लिए सकुशल भेज दिया गया। जहाँ उनका पूरा ख्याल रखा गया।

https://twitter.com/PiyushGoyal/status/1262308698661064711?ref_src=twsrc%5Etfw

इस वाकए का जिक्र करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी अपने ट्विटर पर एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, “रेलवे की सहायता से नन्हीं सी जान आई दुनिया में: अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए रेलवे ने आज तक अनेकों उदाहरण पेश किए हैं। कानपुर स्टेशन पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन में जा रही महिला ने एक शिशु को जन्म दिया, जिन्हें रेलवे द्वारा समय पर सभी प्रकार की सहायता पहुँचाई गई।”

उल्लेखनीय है कि ये पहला मामला नहीं है। जब रेलवे में सफर करने के दौरान किसी महिला के लिए ऐसी स्थिति बनी हो, और रेलवे उसके लिए वरदान बना हो। फूलकुमारी की ही तरह पिछले साल एक अन्य महिला भी कोंकण कन्या एक्सप्रेस में सफर करते हुए प्रसव पीड़ा के कारण विचलित हो उठी थी। उस समय भी पीयूष गोयल ने जच्चा-बच्चा के सकुशल होने की खबर सोशल मीडिया पर दी थी और विषम परिस्थितियो में प्रसव कराने पर भारतीय रेलवे के सहयोग से संचालित होने वाली “1 रुपए क्लिनिक” को बधाई दी थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया