असम सरकार ने निजी मदरसों पर सख्त रुख अपनाया है। आतंकी गतिविधियों से संबंध के चलते सरकार ने निजी मदरसों पर पैनी नजर रखने की तयारी कर ली है। राज्य के निजी मदरसों को इस साल 1 दिसंबर तक राज्य सरकार को संस्थान को लोकेशन और शिक्षकों के विवरण सहित संस्थान के बारे में सभी जानकारी प्रदान करने के लिए कहा गया है।
Assam | Private Madrasas in the state have been asked to provide all information about their institution, including the location of the institution & teachers’ details, to the state government by December 1 this year. (09.11.2022)
— ANI (@ANI) November 10, 2022
इससे पहले चार सितंबर को, असम के डीजीपी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और मदरसों को चलाने वाले कई संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक हुई और कई फैसले लिए गए थे। इसमें यह सुनिश्चित भी किया गया कि धार्मिक शिक्षा के नाम पर कोई भी चरमपंथी तत्व मदरसे में शरण न लें।
असम पुलिस के सीपीआरओ राजीव सइकिया ने कहा था, ”एक पोर्टल पर काम चल रहा है, जहाँ सभी निजी मदरसों की जानकारी अपलोड की जाएगी और जल्द ही पोर्टल लॉन्च किया जाएगा। वहीं राज्य के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने कहा कि दो मदरसों के बीच कम से कम तीन किमी की दूरी होनी चाहिए और प्रत्येक मदरसे में कम से कम 100 छात्रों का नामाँकन होना चाहिए।
मदरसों का आतंकी कनेक्शन
इस साल असम के कई मदरसों का संबंध अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) से पाया गया था, जिसके बाद असम सरकार ने मदरसों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। केवल असम सरकार ही इन जिहादी मदरसों के खिलाफ नहीं है, अब ऐसी रिपोर्ट प्राप्त हुई है कि वहाँ के नागरिक भी इसका विरोध कर रहे हैं।
यहाँ 6 सितंबर 2022 को ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित गोलपारा में एक मदरसे को स्थानीय लोगों ने ही ध्वस्त कर डाला था। गोलपारा, गुवाहाटी से 134 किलोमीटर पश्चिन की तरफ स्थित है। स्थानीय लोगों का कहना था कि इस मदरसे से जिहादी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था। पाखिउरा चार क्षेत्र में स्थित दरोगार अलगा में ये मदरसा स्थित था।
साथ ही मदरसे के बगल में स्थित एक घर को भी लोगों ने ध्वस्त कर दिया था। बताया गया था कि उस घर को दो बांग्लादेशी आतंकी इस्तेमाल में ला रहे थे। इसीलिए, स्थानीय लोगों में आक्रोश था। जलालुद्दीन शेख नामक व्यक्ति इस मदरसे का संचालन कर रहा था, जो पहले से ही पुलिस की गिरफ्त में है।
उसने 2020 में अनिमुल इस्लाम, उस्मान, मेहदी हसन और जहाँगीर आलोम को बतौर शिक्षक इस मदरसे में नियुक्त किया था। इनमें से दो अलकायदा (AQIS) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) के आतंकी निकले। दोनों फ़िलहाल फरार चल रहे हैं। इससे पहले 31 अगस्त, 2022 को बोंगाईगाँव प्रशासन ने मरकजूल मारीफ उ-करियाना मदरसे को ध्वस्त किया था। ये बच्चों के लिए असुरक्षित था और इसके पास दस्तावेज भी नहीं थे। यहाँ से आतंकी गतिविधि चल रही थी सो अलग।