दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कल चाँदनी चौक सीट से आम आदमी पार्टी उम्मीदवार पंकज गुप्ता के लिए चुनाव प्रचार करने गए थे। इस दौरान उनकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। शनिवार (मई 4, 2019) को मोतीनगर में हुए थप्पड़ कांड के मारे जाने के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर अहम कदम उठाया गया है।
बता दें कि, आम आदमी पार्टी के समर्थकों या प्रशंसकों के लिए अब केजरीवाल के नजदीक जाना काफी मुश्किल होगा। अब वो पहले की तरह करीब जाकर न तो हाथ मिला सकते हैं और न ही माला पहना सकते हैं। केजरीवाल के आसपास सुरक्षाबलों का मजबूत घेरा होगा और अगर कोई समर्थक केजरीवाल से मिलना चाहता है या फिर माला पहनाकर स्वागत करना चाहता है तो तो उसे सुरक्षाकर्मियों के द्वारा जाँच किए जाने के बाद ही ये मौका मिल पाएगा।
थप्पड़ कांड: केजरीवाल की सुरक्षा में बड़े बदलाव, अब कोई भी माला पहनाकर नहीं कर सकेगा स्वागतhttps://t.co/xfgma5rbgq via @NavbharatTimes#ArvindKejriwal pic.twitter.com/v1gCQ87a2N
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) May 6, 2019
अब केजरीवाल के रोड शो दे दौरान उनकी गाड़ी में पार्टी के लोग कम और सुरक्षाकर्मी ज्यादा होंगे। केजरीवाल की सहमति के बिना कोई भी गाड़ी में सवार नहीं हो सकेगा। सीएम की गाड़ी में केजरीवाल के अलावा तीन लोग ही मौजूद होंगे। एक तो वो वो कैंडिडेट, जिसके लिए केजरीवाल प्रचार कर रहे होंगे और दूसरा उस क्षेत्र का विधायक। इसके अलावा एक और व्यक्ति केजरीवाल की सहमति से गाड़ी में सवार हो सकता है। इसके साथ ही पब्लिक मीटिंग के दौरान आसपास की ऊँची बिल्डिंगों की छतों पर एके-47 के साथ जवान तैनात किए जाने की व्यवस्था की गई है।
इसके साथ ही अगर वो किसी रोड शो के दौरान खुली जीप में होंगे तो उनकी गाड़ी में दिल्ली पुलिस सिक्यॉरिटी यूनिट के 2 जवान पीछे और 2 जवान आगे गाड़ी में रहेंगे। इतना ही नहीं, 4 जवान गाड़ी के पीछे, 6 जवान गाड़ी के दोनों साइड और 4 जवान गाड़ी के आगे घेरा बनाकर चलेंगे और 1 या 2 कमांडो को भी वर्दी में तैनात किया जाएगा। अब केजरीवाल जिस भी जिले में प्रचार करने जाएँगे, वहाँ उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी वहाँ के जॉइंट पुलिस कमिश्नर, जिला डीसीपी, सब-डिविजन के एसीपी और संबंधित थानों के सभी एसएचओ की होगी।
सीएम के गाड़ी में चढ़ने से पहले भी गाड़ी की जाँच की जाएगी कि कहीं किसी ने गाड़ी में बम वगैरह तो नहीं ना प्लांट किया है। वहीं अगर वो गाड़ी से उतरकर लोगों के बीच जाएँगे तो उस समय तकरीबन 20 जवान उनके चारों ओर घेरा बनाकर मौजूद रहेंगे, ताकि किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो। हालाँकि, सीएम से पहले भी कई बार कहा गया है कि उनको खतरा है, वो अपने साथ सिक्याॅरिटी कवर रखें, मगर वो हर बार मना कर देते थे। मोतीनगर में हुए थप्पड़ कांड के बाद उन्होंने खुद इसके लिए सहमति दे दी है।