देश में ‘जय भीम जय मीम’ के नारे लगाकर जिन कहानियों पर पर्दा डालने की कोशिश की जाती है, वो समय-समय पर सामने आ ही जाती है। बिहार के दरभंगा में मुस्लिमों ने एक हिंदू दलित पर चोरी का आरोप लगाकर इतनी पिटाई की कि उसके शरीर की कई हड्डियाँ टूट गईं। इतना ही नहीं, मरणासन्न हालत में जब युवक ने पानी माँगा तो उसे मुस्लिमों ने पेशाब पिला दिया। इसका वीडियो सामने आया है।
मामला मधुबनी का बताया जा रहा है। दरअसल, दरभंगा के केवटी थाना अंतर्गत रजोरा गाँव के रहने वाले राम प्रकाश पासवान 16 अगस्त को अपनी बुआ के यहाँ मधुबनी गए हुए थे। जब वे वापस लौट रहे थे तो मधुबनी के इजरा गाँव के कुछ मुस्लिमों ने उन पर चोरी का आरोप लगाते हुए पकड़ लिया।
इसके बाद पासवान के हाथ-पैर बाँध दिए गए और उन्हें लाठी-डंडे तथा लात-घूँसों से बुरी तरह पीटा गया। इस दलित व्यक्ति को इतना पीटा गया था कि उनकी पसली, रीढ़, कमर और कंधे की हड्डी टूट गई। यहाँ तक कि पिटाई से उसकी किडनी पर भी बुरा असर पड़ा है। राम प्रकाश को दरभंगा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राम प्रकाश पासवान के बेटे का अभिषेक पासवान का आरोप है कि उनके पिता राम प्रकाश पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें पीटा गया और जब वे पीने के लिए पानी माँगे तो मुस्लिमों ने उन्हें पेशाब पिला दिया। अभिषेक का कहना है कि उनके पिता वेंटिलेटर पर हैं।
ऑपइंडिया को मिली FIR की कॉपी में कहा गया है कि राम प्रकाश की रात भर पिटाई की जाती रही। सुबह जब परिवार को पता चला तो वे लोग उन्हें लाने पहुँचे। उस दौरान पीड़ित की पत्नी पर हमला कर सिर को फोड़ दिया।
परिजनों का कहना है कि परिजनों पर रॉड और पिस्टल से हमला किया गया और जाति-सूचक गालियाँ दी गई। उनसे कहा गया कि 20 लाख रुपए दो नहीं तो पीड़ित का हाथ-पैर काटकर जंगल में फेंक दिया जाएगा। इसके बाद परिजनों ने तत्काल 50 हजार रुपए इकट्ठा कर आरोपितों को दिए। इसके बाद उन लोगों ने पुलिस थाने में जाने पर जान से मारने की धमकी दी।
राम प्रकाश की बेटी पूजा कुमारी का कहना है कि उनके पापा धर्म के काम में जुटे हुए थे, इसलिए वे कई लोगों के निशाने पर थे। पूजा ने कहा कि मुहर्रम के दिन ही उसके पिता को पीटने की योजना बनाई गई थी, लेकिन वे लोग इसमें सफल नहीं हो पाए। इसके बाद घटना वाले दिन आरोपितों ने दरभंगा लौट रहे उसके पिता जी को नाम लेकर रोका और कमरे में बंद करके पूरी रात पिटते रहे।
यह बात भी सामने आई कि पीड़ित परिवार ने थाने में शिकायत की, लेकिन SHO इंस्पेक्टर सरवर आलम ने मामले को दबाने की कोशिश की। जब घटना का वीडियो वायरल हुआ, उसके बाद पुलिस अपनी किरकिरी होती देख, कार्रवाई की बात कही। बेंता थाने की पुलिस अस्पताल पहुँचकर पीड़ित का बयान लिया।
दरभंगा के SDPO कृष्णनंदन कुमार ने घटना की पुष्टि की है। उनका कहना है कि घटनास्थल मधुबनी जिला है। इसलिए इस मामले में दरभंगा पुलिस मधुबनी पुलिस की जाँच में हर तरह का सहयोग देगी। पीड़ित पक्ष ने कुछ आरोपितों की पहचान की है। इनमें अकरम, मोहम्मद राजा, मोहम्मद अखरोट सहित सात लोगों के नाम पुलिस को बताया है।
बजरंग दल के नेता राजीव प्रकाश का कहना है कि जिस गाँव में यह घटना हुई वहाँ कुख्यात PFI के सदस्य रहते हैं। उन लोगों ने मॉब लिंचिंग की है। बजरंग दल ने चेतावनी देेते हुए कहा कि अगर पीड़ित व्यक्ति को इंसाफ नहीं मिला तो देश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।