‘मुस्लिमों के खिलाफ घृणा बन गया है फैशन’: अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने फिर उगला ज़हर, कहा- बाँटने वाले राजनीति कर रहे PM नरेंद्र मोदी

नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि मुस्लिमों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है (फाइल फोटो)

अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने एक बार फिर से ज़हर भरा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ये काफी परेशान करने वाला है कि किस तरह कला के माध्यम से खुला प्रोपेगंडा चला कर आम लोगों को परोसा जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि ये इस्लामोफोबिया के इस काल का चिंतित करने वाला असर है। बता दें कि नसीरुद्दीन शाह अक्सर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ बयान देते रहते हैं और कट्टर इस्लामी एजेंडे को आगे बढ़ाने में आगे रहते हैं।

‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के अनुसार, नसीरुद्दीन शाह ने कहा मुस्लिमों के खिलाफ घृणा को बड़ी चालाकी से न सिर्फ हवा दी जा रही है, बल्कि ये आजकल का फैशन भी बन गया है। नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में OTT प्लेटफॉर्म ZEE5 की सीरीज ‘ताज’ में मुग़ल बादशाह अकबर का किरदार निभाया था। अब इस सीरीज का दूसरा हिस्सा आ गया है। इस दौरान नसीरुद्दीन शाह ने ये भी कहा कि मुगलों का महिमामंडन करने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन उन्हें बदनाम भी नहीं किया जाना चाहिए।

जब उनसे पूछा गया कि क्या कुछ शो और फिल्मों को प्रोपेगंडा और भ्रामक सूचनाओं को फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, तो नसीरुद्दीन शाह ने जवाब दिया कि स्क्रीन पर जो भी हो रहा है, वो जमीनी वास्तविकता का दर्पण है। उन्होंने दावा किया कि बेशर्मी से इस्लामोफोबिया का इस्तेमाल चुनावों में वोट के लिए किया जा रहा है, जिसका असर फ़िल्मी पर्दे पर भी दिख रहा है। उन्होंने कहा कि ये निश्चित तौर पर परेशान करने वाला समय है।

नसीरुद्दीन शाह ने कहा, “ऐसे कंटेंट्स परोसे जा रहे हैं जो विशुद्ध और खुला प्रोपेगंडा है, जो इस समय के बारे में बहुत कुछ बताता है। मुस्लिमों से घृणा करना आजकल फैशन बन गया है, यहाँ तक कि शिक्षित लोगों के बीच भी। ये चीजें सत्ताधारी पार्टी ने देश के लोगों की नसों में घुसा दी है। हम सेक्युलरिज़्म और लोकतंत्र की बातें करते हैं, लेकिन हर चीज में धर्म को घुसाने की क्या ज़रूरत है? चुनाव आयोग चुपचाप ये सब देख रहा है।”

नसीरुद्दीन शाह ने दावा किया कि अगर कोई मुस्लिम नेता ‘अल्लाहु अकबर’ बोल कर वोट माँगेगा तो फिर बवाल हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विभाजनकारी राजनीति का इस्तेमाल किया, लेकिन वो हार गए और इस राजनीति का अंत होगा। उन्होंने पूछा कि चुनाव आयोग कितना रीढ़विहीन हो गया है, जो एक शब्द बोलने की भी हिम्मत नहीं रखता? उन्होंने कहा कि अगर किसी मुस्लिम नेता ने अल्लाहु अकबर बोल कर EVM का बटन दबाने की बात की होती तो बवाल हो जाता।

उन्होंने कहा कि लेकिन हमारे प्रधानमंत्री लोगों के बीच जाकर ये सब बातें करते हैं, इसके बावजूद हार जाते हैं। बता दें कि नसीरुद्दीन शाह कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार पर तंज कस रहे थे। उन्होंने कहा कि विभाजनकारी राजनीति का अंत होगा, लेकिन फ़िलहाल ये शिखर पर है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बड़ी चालाकी से इस कार्ड को खेला है, और देखना है कि ये कितना लंबा चलता है। नसीरुद्दीन शाह इस साल ‘कुत्ते’ फिल्म में भी दिखे थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया