‘क्राइम सीन को बर्बाद किया, ऑटोप्सी रिपोर्ट में कई खामियाँ’: सुशांत मामले में डेढ़ महीने में पलटे AIIMS के डॉ सुधीर

एम्स के डॉक्टर सुधीर गुप्ता को लेकर रिपब्लिक का बड़ा खुलासा (फोटो साभार: रिपब्लिक भारत)

‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ ने सुशांत सिंह राजपूत के मामले में एम्स के पैनल की अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर सुधीर गुप्ता का एक टेप जारी कर के बड़ा खुलासा किया है। उस ऑडियो टेप में डॉक्टर सुधीर गुप्ता कहते दिख रहे हैं कि क्राइम सीन ‘कंटेमिनेट’ कर दिया गया था और फॉरेंसिक रूप से जाँच के लिए कोई विश्वस्त साक्ष्य उपस्थित नहीं थे। अब ‘रिपब्लिक’ ने पूछा है कि कुछ हफ्ते पहले के इस बयान से वो पलट कैसे गए?

चैनल ने कहा कि आज सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले पर तब सवाल उठाने वाले डॉक्टर सुधीर गुप्ता अब इसे आत्महत्या कैसे बता सकते हैं? वायरल टेप में डॉक्टर गुप्ता कहते दिख रहे हैं कि जब तक क़ानूनन फैसला न हो जाए, तब तक सबूतों को बिना छेड़छाड़ किए रखने की जिम्मेदारी होती है। उस समय उन्होंने कहा था कि सुशांत से जुड़े सारे दस्तावेज अभी नहीं भेजे गए हैं, जिनका वो लोग इंतजार कर रहे हैं।

तब डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने कहा था कि सबूत आगे की जाँच के लिए उपयुक्त नहीं हैं और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कई खामियाँ हैं, लेकिन अब मीडिया में उनके हवाले से अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं कि सुशांत की मौत आत्महत्या है। साथ ही चैनल ने उनका एक व्हाट्सप्प चैट भी निकाला है, जिसमें वो दावा कर रहे हैं। वकील विकास सिंह ने भी कहा है कि सुशांत की बहन द्वारा लिए गए फोटोग्राफ्स को देख कर डॉक्टर गुप्ता ने कहा था कि ये हत्या का मामला है, आत्महत्या हो ही नहीं सकता।

ये सारा स्टिंग ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के पत्रकार प्रकाश सिंह ने किया। इस पर बोलते हुए अर्नब गोस्वामी ने कहा कि इस टेप को दिखाने के लिए वो इसलिए बाध्य हो गए क्योंकि 43 दिन पहले (अगस्त 22, 2020) एक डॉक्टर ने ऑटोस्पी रिपोर्ट में इतनी खामियाँ देखीं और बताया कि उनके आधार पर रिपोर्ट तैयार नहीं की जा सकती। तब डॉक्टर गुप्ता ने कहा था कि सारे सबूतों को मिटा दिया गया। इसी को लेकर अर्नब ने पूछा कि अब सबूत वापस कैसे आ गया?

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अर्नब गोस्वामी ने चुनौती दी कि अब डॉक्टर सुधीर गुप्ता ये कह कर दिखाएँ कि ये उनकी आवाज़ नहीं है। डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने ये भी कहा था कि क्राइम सीन को यथावत नहीं रखा गया और इसके साथ छेड़छाड़ हुई है। बकौल अर्नब गोस्वामी, डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने उस समय ये कहा था कि जो डिटेल्स हैं, उनके आधार पर निर्णयात्मक रिपोर्ट देना संभव नहीं है, क्योंकि क्राइम सीन ‘फॉरेंसिक्ली सुइटेबल’ नहीं है।

डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने ये भी पूछा था कि सुशांत के मृत शरीर को सीधे मॉर्चरी में क्यों ले जाया गया, उन्हें इमरजेंसी ट्रीटमेंट क्यों नहीं दिया गया? साथ ही एक न्यूज़ चैनल पर निशाना साधते हुए अर्नब गोस्वामी ने कहा कि ‘तक’ वाले दलाल लोग रिया चक्रवर्ती के पीआर मशीनरी हैं। डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने तब प्रकाश सिंह से ये भी पूछा था कि मौत के समय को लेकर ऑटोप्सी रिपोर्ट में कुछ लिखा ही नहीं है – ऐसा चैनल ने दावा किया।

एनडीटीवी सहित कई मीडिया चैनलों और खबरिया पोर्टलों ने एम्स के जाँच पैनल की अगुवाई कर रहे डॉक्टर सुधीर गुप्ता के हवाले से खबर प्रकाशित की थी कि सुशांत मामले की गुत्थी सुलझ गई है और उनकी रिपोर्ट में आया है कि ये हत्या नहीं, आत्महत्या था। इससे 1 दिन पहले अर्नब गोस्वामी ने इन ख़बरों को ‘प्लांटेड स्टोरीज’ करार दिया था। उन्होंने पूछा था कि ये चीजें ऑन रिकॉर्ड क्यों नहीं बोली जा रही?

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया