रवि उप्पल दुबई में 12 दिसंबर 2023 को पकड़ा गया। वह सौरभ चंद्राकर के साथ मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप महादेव का संचालन करता था। 43 साल के उप्पल को जल्द भारत को प्रत्यर्पित किए जाने की संभावना है।
उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर रखा था। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच कर रही है। वहीं मुंबई और छत्तीसगढ़ पुलिस भी इस केस की जाँच में जुटी है।
महादेव ऐप का सालाना कारोबार करीब 20 हजार करोड़ रुपए का बताया जाता है। दुबई से इसका संचालन होता था। अधिकांश यूजर छत्तीसगढ़ के बताए जाते हैं। लेनदेन के लिए बेनामी खाते का इस्तेमाल किया जाता है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भी इस मामले में गंभीर आरोप हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रवि उप्पल के खिलाफ ED के अनुरोध पर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। ED ने इंटरपोल को बताया था कि उप्पल ने बिना भारत की नागरिकता छोड़े ही वनुआतु के पासपोर्ट प्रयोग किया है। उप्पल की गिरफ्तारी के बाद उसे भारत लाने के तैयारियाँ शुरू कर दी गई है। उससे पूछताछ में कई अन्य अहम जानकारियाँ सामने आ सकती हैं।
ED ने अपनी चार्जशीट में रवि उप्पल के अलावा सौरभ चंद्राकर को भी आरोपित किया था। सौरभ महादेव ऐप का प्रमोटर और मामले का मास्टरमाइंड बताया जाता है। सौरभ के खिलाफ भी इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर रखा है और उसकी लोकेशन UAE में बताई जा रही है। रवि उप्पल के बाद अब सौरभ चंद्राकर की भी गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। ED ने अदालत से रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी हासिल कर रखे हैं।
बताते चलें कि महादेव सट्टेबाजी ऐप मामला छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा मुद्दा बन गया था। इस केस में गिरफ्तार हुए एक आरोपित ने आरोप लगाया था कि कॉन्ग्रेस नेताओं ने ऐप के प्रमोटर से 500 करोड़ रुपए की रिश्वत भी ली थी। मामले के खुलासे के बाद भाजपा ने छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का इस्तीफा माँगा था।