Sunday, April 28, 2024
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जिसके घर 5 करोड़ रुपए, उसके पिता चौकीदार… अब कुएँ में लाश: महादेव ऐप घोटाला और CM भूपेश बघेल को ₹508 करोड़ रिश्वत से है कनेक्शन

असीम दास के घर से 5 करोड़ रुपए बरामद हुए थे। वो महादेव बुक सट्टा घोटाले में गिरफ्तार है। अब उसके पिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, लाश कुएँ से बरामद। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ₹508 करोड़ देने में भी है कनेक्शन।

छत्तीसगढ़ के महादेव बुक सट्टा घोटाले में गिरफ्तार एक आरोपित असीम दास के पिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। उनका शव एक कुँए में तैरता पाया गया है। जिस फार्म हाउस में सुशील दास की मौत हुई, वहाँ वह चौकीदारी का काम करते थे। पूरे मामले में आश्चर्यजनक यह भी है कि असीम के घर पर 2 नवम्बर 2023 को ED ने जब छापा मारा था, तब 5 करोड़ रुपए बरामद हुए थे।

असीम दास के 62 वर्षीय पिता सुशील दास की मौत दुर्ग जिले के अंडा थाना क्षेत्र में अछौती गाँव में हुई, जहाँ पुलिस ने उनका शव एक कुँए में तैरता पाया। आशंका यह भी जताई गई है कि सुशील दास ने मौत से पहले शराब पी थी और इसके बाद कुँए में छलाँग लगाकर उन्होंने आत्महत्या कर ली।

यह भी जानकारी सामने आई है कि असीम दास के पिता उसके गिरफ्तार होने के बाद से काफी परेशान थे और इसी कारण से वह लगातर शराब पीने लगे थे। महादेव बुक सट्टा घोटाले में आरोपित असीम के घर पर 2 नवम्बर 2023 को ED ने छापा मारा था। इसके पश्चात न्यायालय में पेश करके उसे जेल भेज दिया था। वह तबसे ही जेल में बंद है। ED का कहना था कि असीम दास ही नेताओं को इस घोटाले के पैसे पहुँचाता था।

गौरतलब है कि महादेव बुक घोटाला में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम भी आया था। यह कहा गया था कि इस घोटाले के सम्बन्ध में उन्हें ₹508 करोड़ की धनराशि दी गई। यह खुलासा असीम दास के हवाले से ही ED ने किया था।

ED ने कहा था, “महादेव ऐप के कुछ बेनामी बैंक खातों का पता लगाया है, जिसमें 15.59 करोड़ रुपए की शेष राशि फ्रीज कर दी गई है। असीम दास को गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ और उसके पास से बरामद फोन की फॉरेंसिक जाँच से शुभम सोनी (महादेव नेटवर्क के उच्च पदस्थ आरोपितों में से एक) द्वारा भेजे गए एक ईमेल में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पूर्व में नियमित भुगतान किए गए हैं और अब तक महादेव ऐप द्वारा लगभग 508 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।”

इस महादेव बुक घोटाला ऐप में नाम आने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि को काफी धक्का लगा था। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में इस मुद्दे को प्रधानमंत्री मोदी ने भी उठाया था। राज्य में कॉन्ग्रेस की हार में इस घोटाले का भी बड़ा रोल माना जा रहा है। महादेव ऐप के मालिक शुभम सोनी का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह भूपेश बघेल को पैसे देने की बात कहता दिखा था।

कैसे काम करता था महादेव बुक ऐप?

महादेव ऐप दुबई से ऑपरेट होता था। इसके अधिकांश यूजर छत्तीसगढ़ के थे। लोग ऐड के साथ-साथ एजेंटों के जरिए सट्टेबाजी के इस जाल में फँसते थे। इसके बाद वे दिए गए या बताए गए नंबर पर संपर्क करते थे। इस ऐप की खास बात यह थी कि यूजर दिए गए नंबर पर सिर्फ ह्वाट्सएप के जरिए ही संपर्क कर सकते थे। संपर्क करने के बाद उन्हें एक प्राइवेट ग्रुप में जोड़ा जाता था, जहाँ सट्टेबाजी का खेल शुरू होता था।

प्राइवेट ग्रुप में जोड़ने के बाद यूजर को कंपनी से संबंधित 5-6 वेबसाइटों पर अपना अकाउंट बनाना पड़ता था। इसके बाद यूजर को एक कॉन्टैक्ट नंबर दिया जाता था। इस नंबर के जरिए यूजर अपने अकाउंट में पैसे जमा करते थे। इससे उन्हें प्वॉइंट मिलते थे। इन प्वॉइंट के आधार पर ऐप पर विभिन्न खेलों में सट्टेबाजी की जाती थी।

शुरुआत में यूजर को खूब जिताया जाता था। इससे उसमें उत्साह जगता था और वह अधिक पैसे जमा करके प्वॉइंट्स बटोर कर सट्टेबाजी करता था। हालाँकि, बाद में वह अपना सारा पैसा हार जाता था। इससे कंपनी को फायदा होता था। जो यूजर शुरुआत में जीतने के बाद अपने प्वॉइंट को एनकैश कराना चाहता था, उसे एक और नंबर दिया जाता था। उससे संपर्क करने पर उसे भुगतान हो जाता था। ये सारे लेनदेन बेनामी खातों से होते थे।

ED ने अपनी जाँच में पाया कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल सट्टेबाजी से होने वाली कमाई को अपने विदेशी खातों में भेजने के लिए हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल करते थे। महादेव ऐप के हवाला का सारा काम कोलकाता का रहने वाला विकास छपरिया देखता था। इस मामले की जाँच में जब ED ने दबाव जारी रखा, तो सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के परिवार के ज्यादातर लोग दुबई में शिफ्ट हो गए।

कुल मिलाकर ये लोग दुबई में बैठकर भारत से कमाई करते थे, लेकिन भारत सरकार को किसी तरह का टैक्स नहीं देते थे। भारत सरकार ही नहीं, बल्कि यूजर्स को भी हजारों करोड़ रुपए का चूना इस ऐप के जरिए लगाया गया। इससे हुई कमाई को फिल्म इंडस्ट्री, होटल व्यापार, रियल एस्टेट सहित विभिन्न जगहों पर इन्वेस्ट करने के साथ-साथ हवाला के जरिए नौकरशाहों और सफेदपोशों को भी भुगतान की गई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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