सभी धर्मों को सब्जी बेचूँगा, पर ठेले से भगवा झंडा नहीं हटाऊँगा, जिसको पावर है रोक ले: दलित सब्जी विक्रेता

एक ग़रीब और दलित ठेले वाले से सुनिए कैसे उसे भगवा झंडा लगाने पर प्रताड़ित किया गया

बिहार के बेगूसराय के एक सब्जी विक्रेता ने बताया है कि उसने अपने ठेले पर भगवा झंडा क्यों लगाया। जब उसने ऐसा किया तो उसके अपने ही मोहल्ले के दूसरे समुदाय के लोगों ने उसे प्रताड़ित किया और भगवा झंडा लगाने पर आपत्ति जताई। दलित सब्जी विक्रेता ने बताया कि जब वो दो लोग ठेले पर भगवा झंडा लगा कर जा रहे थे तो कुछ लोगों ने उन्हें रोका और पूछा कि तुम ये झंडा लगा कर क्या साबित करना चाहते हो?

बदमाशों ने पूछा कि क्या तुम ये भगवा झंडा लगा कर अपनी बिक्री बढ़ाना चाहते हो, ज्यादा रुपए कमाना चाहते हो? साथ ही उन्होंने धमकी दी कि ऐसा कुछ भी नहीं कर पाओगे। सब्जी विक्रेता ने जवाब दिया कि जिसे पसंद है वो सब्जी लेगा, जिसे नहीं पसंद है वो सब्जी नहीं ख़रीदेगा लेकिन मैं झंडा तो लगाऊँगा। इसके बाद बदमाशों ने ठेले को धकेलना शुरू कर दिया और सब्जी विक्रेताओं में से एक को वहाँ से भगा दिया।

दूसरे सब्जी विक्रेता ने बताया कि वो अड़ गया कि वो नहीं जाएगा। साथ ही उसने कहा कि उसे सड़क पर सब्जी बेचने का अधिकार है और उसे वहाँ से कोई नहीं हटा सकता। उसने पूछा कि वो किसी दूसरे की ज़मीन में ठेला लगा कर नहीं खड़ा है कि उसे कोई भगा देगा। ग़रीब दलित सब्जी विक्रेता ने बदमाशों के सामने झुकने से इनकार करते हुए कहा कि वो उसका ठेला पलट पर दिखाएँ।

साथ ही उसे इस बात की भी चिंता थी कि अगर माल नहीं बिका तो उसकी लगाई हुई पूँजी बर्बाद हो जाएगी। उसका कहना था कि उसके जैसे लोग रोज कमाते हैं, तब जाकर उस दिन का खाना नसीब होता है। ऐसे में, अगर किसी दिन सब्जी ही नहीं बिकी तो घर में खाना कहाँ से आएगा? आजकल लॉकडाउन के कारण कई अन्य लोगों ने भी सब्जी बेचने का कारोबार शुरू कर दिया है, जिससे कमाई बँट गई है और कम हो गई है।

सब्जी विक्रेता का कहना है कि वो भगवा झंडा लगा रहा है, इसका मतलब ग़लत नहीं है। वो हिन्दू को भी सब्जी बेचेगा और दूसरे मजहब को भी, किसी भी धर्म-मजहब का व्यक्ति सब्जी ख़रीदने आए, किसी को वापस नहीं किया जाएगा। उसने कहा कि उसने सबूत के रूप में झंडा लगाया है क्योंकि वो हिन्दू है। उसने बताया कि अगर उससे लोग पूछेंगे तो वो किसे-किसे अपना आधार कार्ड दिखाएगा, इसीलिए उसने झंडा ही लगा दिया।

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उक्त सब्जी विक्रेता के साथ मारपीट भी की गई। ‘स्वराज्य मैग’ की पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा ने सब्जी विक्रेता से बातचीत का वीडियो शेयर किया, जिसे सोशल मीडिया पर लोगों ने हाथोंहाथ लिया। बता दें कि झारखण्ड में कुछ फल विक्रेताओं का बैनर सिर्फ़ इसीलिए हटा दिया गया क्योंकि उस पर ‘हिन्दू’ लिखा हुआ था और देवी-देवताओं के चित्र थे। पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास सहित कई प्रबुद्ध नेताओं ने इसे अन्याय करार दिया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया