Saturday, July 27, 2024
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‘दाढ़ी-टोपी वालों के फल बेचने पर पाबंदी कब?’- जमशेदपुर ‘हिंदू फल दुकान’ मामले में BJP के साथ विपक्षी MLA

"यदि भारत में अपने संस्थान पर हिन्दू लिखना, भगवा फहराना या विश्व हिंदू परिषद या बजरंग दल से जुड़ा होना अपराध है तो बंद करो उन सभी दुकान, होटलों व अन्य संस्थानों को भी, जिनसे जिहादी होने की बू आती है। कोई भी मुसलमान व्यवसायी क्या इस्लाम ,मोहम्मद व खान इत्यादि सांप्रदायिक शब्दों का प्रयोग नहीं करेगा?"

झारखण्ड स्थित जमशेदपुर के कदमा में 6 फल विक्रेताओं पर सिर्फ़ इसलिए केस दर्ज कर दिया गया क्योंकि वो अपनी दुकानों में ‘विश्व हिन्दू परिषद्’ का बैनर लगा कर और ‘हिन्दू’ लिख कर फल बेच रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास और हालिया चुनाव में उनके क्षेत्र से उन्हें परास्त करने वाले विधायक सरयू राय इस मामले में एक मत में हैं। राज्य के दोनों ही बड़े नेताओं ने झारखण्ड सरकार की इस कार्रवाई का विरोध किया है। रघुबर ने आंदोलन की बात कही है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि फल विक्रेताओं के साथ किया गया पुलिस का व्यवहार निंदनीय है। राज्य सरकार तुष्टिकरण की राजनीति के कारण आजीविका चला रहे छोटे-छोटे व्यापारियों को तंग करना बंद करे। उन्होंने कहा कि अगर व्यापारियों पर किया गया केस तत्काल वापस नहीं लिया गया तो भाजपा बड़ा आंदोलन करेगी। फल-विक्रेताओं के ख़िलाफ़ कदमा थाने में शांति भंग करने का आरोप लगा है। कुल 8 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है।

एक यूजर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर के इसकी जानकारी दी थी, जिसके बाद कार्रवाई हुई। लोग पूछ रहे हैं कि क्या अख़बार ‘द हिन्दू’ को भी झारखण्ड में प्रतिबंधित कर दिया जाएगा? साथ ही लोग कई इस्लामी नाम वाले दुकानों की तस्वीरें ट्वीट कर पूछ रहे हैं कि अगर हिन्दू ऐसा नहीं कर सकते तो दूसरों को छूट क्यों है? पूर्वी सिंहभूम के एएसपी अनूप बिरथरे का कहना है कि वर्तमान माहौल में ऐसा कोई काम नहीं होना चाहिए, जिससे किसी को ठेस पहुँचे।

हालाँकि, फल विक्रेताओं ने किसे ठेस पहुँचाया है, इस सम्बन्ध में उन्होंने कुछ नहीं कहा। इधर विहिप ने भी कमर कस ली है। रविवार (अप्रैल 26, 2020) को संगठन ने स्थानीय थाने के सामने विरोध प्रदर्शन किया। थाना प्रभारी ने कहा कि भगवान की तस्वीर हटाने की बात ग़लत है, केवल बैनर हटाया गया है। विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा कि संगठन इस मुद्दे को बड़े स्तर पर उठाएगा। उन्होंने कहा:

“यदि भारत में अपने संस्थान पर हिन्दू लिखना, भगवा फहराना या विश्व हिंदू परिषद या बजरंग दल से जुड़ा होना अपराध है तो बंद करो उन सभी दुकान, होटलों व अन्य संस्थानों को भी, जिनसे जिहादी होने की बू आती है। क्या हिन्दू पर आक्रमण ही सेक्यूलरिज्म है? बिहार और झारखंड क्या पाकिस्तान में हैं? क्या बिहार व झारखंड सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी विक्रेता के सिर पर गोल टोपी, लम्बी दाढ़ी व ओछा पजामा नहीं होगा?? कोई भी व्यवसायी इस्लाम ,मोहम्मद व खान इत्यादि सांप्रदायिक शब्दों का प्रयोग नहीं करेगा?

विहिप के प्रवक्ता ने एक के बाद एक ट्वीट कर अपनी बात रखी। उन्होंने पूछा कि क्या भारत मे हिंदू होना अपराध है? या विहिप बजरंग दल व भगवा से जुड़ना अपराध है? उन्होंने आगे पूछा कि क्या जिन मीट की दुकानों, बूचड़खानों या पैकेटों पर हलाल शब्द लिखे होंगे, उन सभी साम्प्रदायिक व धार्मिक विद्वेष फैलाने वाली शब्दावली को भी ये सरकारें बंद करेंगीं? यह बड़ा मामला है क्योंकि सिर्फ़ बैनर नहीं हटाया गया है बल्कि भगवान श्रीराम व भगवान शिव की तस्वीर भी हटाई गई है।

जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कहा कि सोशल मीडिया की हकीकत जाने बिना महज एक ट्वीट के आधार पर कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है और उन्हें प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा। राय ने बताया कि उन्होंने बड़े स्तर पर इस मामले को उठाया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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